आओ, थोड़ी धूप बांट दें चंद्ररेखा सिंह अनुभव प्रकाशन, ई-28, लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद-5 इस काव्य संग्रह को चार भागों में बांटा गया है. भोर शीर्षक के अंतर्गत उनकी प्रारम्भिक रचनाएं रखी गयी हैं जबकि दोपहर के अंतर्गत उसके बाद…
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दिसम्बर 2010
इतिहास अर्थात जो हुआ था, वह. लेकिन जो हुआ था का नाम ही इतिहास नहीं है. इसी तरह इतिहास को समझने का मतलब अतीत को समझना मात्र ही नहीं होता. सच पूछा जाए तो इतिहास की समझ हमें वर्तमान को…