शब्द-यात्रा ‘प्रजा’ की यात्रा आनंद गहलोत पहली सीढ़ी ओ पड़ोसी! रिल्के आवरण कथा सम्पादकीय वंदे हास्यरसम् गोपाल प्रसाद व्यास भीतरी आनंद का बाहरी चित्र बालमुकुंद गुप्त भारतीय कला में हास्य और मनोरंजन कृष्णदत्त वाजपेयी गजानन बनाम गणनायक मेरी पहली…
Tag: सम्पादकीय
फरवरी 2012
शब्द-यात्रा पुण्य क्षीण हो गया ‘अभियुक्त’ का आनंद गहलोत पहली सीढ़ी मोमबत्ती सी. रवींद्रनाथ आवरण-कथा सम्पादकीय हम स्वयं अपने साहित्य की चुनौती हैं ! रमेश दवे संकट एक अनकही भीतरी निष्ठा से कटने का है मृणाल पांडे ऐसे में…
जनवरी 2012
स्वर्गीय श्रीगोपाल नेवटिया ने जनवरी 1952 में हिंदी का यह डाइजेस्ट देश को समर्पित किया था. उन्होंने पत्रिका के पहले सम्पादकीय में लिखा था- “नवनीत ज्ञान-विज्ञान और उनके सत्साहित्य की चुनी हुई जलधाराओं के अंशों को अपने घट में भरेगा……