Tag: सम्पादकीय

मार्च 2012

  शब्द-यात्रा ‘प्रजा’ की यात्रा आनंद गहलोत  पहली सीढ़ी ओ पड़ोसी! रिल्के  आवरण कथा सम्पादकीय वंदे हास्यरसम् गोपाल प्रसाद व्यास भीतरी आनंद का बाहरी चित्र बालमुकुंद गुप्त भारतीय कला में हास्य और मनोरंजन कृष्णदत्त वाजपेयी गजानन बनाम गणनायक  मेरी पहली…

फरवरी 2012

  शब्द-यात्रा पुण्य क्षीण हो गया ‘अभियुक्त’ का आनंद गहलोत पहली सीढ़ी मोमबत्ती सी. रवींद्रनाथ आवरण-कथा सम्पादकीय हम स्वयं अपने साहित्य की चुनौती हैं ! रमेश दवे संकट एक अनकही भीतरी निष्ठा से कटने का है मृणाल पांडे ऐसे में…

जनवरी 2012

स्वर्गीय श्रीगोपाल नेवटिया ने जनवरी 1952 में हिंदी का यह डाइजेस्ट देश को समर्पित किया था. उन्होंने पत्रिका के पहले सम्पादकीय में लिखा था- “नवनीत ज्ञान-विज्ञान और उनके सत्साहित्य की चुनी हुई जलधाराओं के अंशों को अपने घट में भरेगा……

जून 2014

हर साल जून के महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण दिवस मनाकर मनुष्यता को इस खतरे से सावधान करने की कोशिश होती है. लेकिन इस खतरे को समझने और इससे बचने की कोशिश वर्ष में एक दिन नहीं, वर्ष के…

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…