Tag: विष्णु नागर

फरवरी 2012

  शब्द-यात्रा पुण्य क्षीण हो गया ‘अभियुक्त’ का आनंद गहलोत पहली सीढ़ी मोमबत्ती सी. रवींद्रनाथ आवरण-कथा सम्पादकीय हम स्वयं अपने साहित्य की चुनौती हैं ! रमेश दवे संकट एक अनकही भीतरी निष्ठा से कटने का है मृणाल पांडे ऐसे में…

जनवरी 2012

स्वर्गीय श्रीगोपाल नेवटिया ने जनवरी 1952 में हिंदी का यह डाइजेस्ट देश को समर्पित किया था. उन्होंने पत्रिका के पहले सम्पादकीय में लिखा था- “नवनीत ज्ञान-विज्ञान और उनके सत्साहित्य की चुनी हुई जलधाराओं के अंशों को अपने घट में भरेगा……

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…