Tag: महात्मा विभीषण

जुलाई 2008

शब्द-यात्रा चतुरन की बात में, बात-बात में बात आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  तू ही तो मही मां ! हरीश भादानी आवरण-कथा साहित्य का दायित्व विडम्बनाओं, विसंगतियों की आहटों को महसूसना ज़रूरी है चित्रा मुद्गल सतत सजगता का एक नाम है…

जून 2008

शब्द-यात्रा क्या खीर पक रही है ? आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  अमिय-रस आवरण-कथा पानी बिच मीन पियासी नंद चतुर्वेदी ऐसे चलता था समाज का खेल अनुपम मिश्र देश की जल-कुंडली पानी बचाय के ना रखब्या, तब ना हम लेबै सराध में…