Category: स्तंभ

पल्सर

♦   पैट्रिक सूर       पिछले तीन वर्षों में खगोलज्ञों की दृष्टि से कई नाटकीय बातें हुई हैं. सबसे प्रमुख है, आदमी का चांद पर पहुंचना और वहां से पत्थरों के नमूने लाना.     लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से इससे…

नयी दिशाएं, नये आयाम

♦    केजिता          ब्रह्मांड-स्थित पृथ्वीतर पिंडों पर जीव के अस्तित्व का प्रश्न कुछ उलझ-सा गया है. असीम-अपार ब्रह्मांड, उसमें बिंदुमात्र-सी पृथ्वी. उसके बाहर जीव का कहीं भी अस्तित्व ही न हो, बहुत अधिक तर्कसम्मत नहीं लगता. परंतु…

मौत के पीछे पागल

♦   डॉ. प्रकाश चंद्र दीक्षितम           बात है चूहों से मिलते-जुलते, छोटे-से जीव लेमिंग की. उनके एक बहुत बड़े समूह ने 1969 की शरद ऋतु में फिनलैंड के लैप्लैंड इलाके से अपनी यात्रा शुरू की है. लक्ष्य…

मधुमक्खी की नयी नौकरी

♦   मणिशंकर             मधुमक्खी अब तक हमें शहद देती थी, मोम देती थी मेहनती बनने का उपदेश देती थी. अब वह हमारा एक और काम किया करेगी, या कहिये उससे जबर्दस्ती कराया जायेगा.     बेचारी मधुमक्खी…

एक लेखक की आत्महत्या

♦    सुखबीर          ‘जापानी होना एक पेचीदा किस्म के सपने को जीना है.’     ये शब्द लिखनेवाले विश्वप्रसिद्ध जापानी लेखक, 45 वर्षी यू किओ मिशिमा ने बड़े नाटकीय ढंग से आत्महत्या कर ली है.     गत 25…