Category: व्यक्तित्व

फागुन की धूप सरीखे धर्मवीर इलाहाबादी

♦  पुष्पा भारती    > होली शब्द के उच्चारण मात्र से मन बचपन की यादों से जुड़ जाता है तब घर-घर में होली जलाई जाती, ढेर सारे पकवान बनते. सालभर की दुश्मनियां होली में होम करके दूसरे दिन सुबह से सारे…

जब न हम तन में रहेंगे…

♦   परितोष शर्मा    > सामान्यतः अभिव्यक्ति, विशेषकर काव्यभिव्यक्ति एवं साहित्यिक अभिव्यक्ति, व्यक्तित्व और व्यक्ति के अव्यक्त को व्यक्त करती है. कवि नरेंद्र शर्मा के व्यक्तित्व के अनुरूप उनकी काव्याभिव्यक्ति का मूल-तत्त्व है ‘राष्ट्र प्रेम’. स्वजन और जन-जन के…

रेणु को जानने-समझने का आईना

♦  भारत यायावर   > रेणु के देहावसान के बाद उनके साथ होने का अवसर मुझे मिला और धीरे-धीरे मैं इस तरह रेणु-मय होता चला गया कि बरसों मुझे यह होश नहीं रहा कि मैं रेणु से परे या अलग हूं.…

ताल्सताय को लिखे पत्र का एक अंश

♦  मैक्सिम गोर्की          … आपके बनाये मेरे पोर्ट्रेट और मेरे बारे में आपके कृपापूर्ण और सुंदर शब्दों के लिए धन्यवाद. मैं यह तो नहीं जानता कि मैं अपनी किताबें से बेहतर हूं या नहीं, मगर इतना जरूर…

मुगल शहज़ादे की समन्वय-साधना

♦  डॉ. सीताराम सहगल          मुस्लिम शासन-काल में इस देश में कई दार्शनिक, साहित्यिक तथा समाज-सुधारक हुए, जिन्होंने जन-संस्कृति को समझने के लिए प्रत्येक प्रशस्य प्रयास किये. यद्यपि उस काल में साप्रदायिकता का जोर था और धर्म…