Category: आवरण कथा

उच्च शिक्षा का बीहड़  –  कृष्ण कुमार

आवरण-कथा हमारे देश के कई विश्वविद्यालय अपनी जन्मशती मना चुके हैं और तीन विश्वविद्यालयों की उम्र डेढ़ सौ वर्ष से अधिक हो चुकी है. आयु बढ़ने के साथ संस्थाएं मज़बूत होंगी, यह मान्यता इन विश्वविद्यालयों के उदाहरण से पुष्ट नहीं…

यह देश अलग माटी का है  –  रमेश ओझा

आवरण-कथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय अर्थात बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) अपनी शताब्दी मना रहा है. फरवरी 1916 में भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड हार्डिंग ने इसका उद्घाटन किया था. उद्घाटन-समारोह में गांधीजी के ऐतिहासिक भाषण ने समारम्भ को ऐतिहासिक बना दिया…

सागरमाथा पहुंचने का संकल्प  –   रामबहादुर राय

आवरण-कथा पंडित मदन मोहन मालवीय ने बीज बोया. उसे अपने जीवन में पौधा बनाया. एक आकार दिया. आज वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय शिक्षा जगत का विराट वृक्ष हो गया है. इस 21वीं सदी में मूलत तीन अवधारणाएं काम कर रही…

मेरे विश्वविद्यालय के वे दिन… वे लोग –  डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी

आवरण-कथा काशी विश्वविद्यालय का परिसर सचमुच विश्वविद्यालय का परिसर लगता था. अखिल भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय, दक्षिण, पूर्वी, पश्चिमी भारत के छात्रों की बहुत बड़ी संख्या होती थी उस समय. स्याम, तिब्बत, चीन, जापान तथा सोवियत-यूनियन, जर्मनी, फ्रांस आदि के छात्र…

महामना का अमर स्मारक  –  अच्युतानंद मिश्र

आवरण-कथा महान संस्थाओं की स्थापना महापुरुषों के संकल्प और उनकी साधना के सातत्य से होती है. प्राचीन भारत में शिक्षा के केंद्र गुरुकुल थे जहां गुरु-शिष्य संवाद शास्त्रार्थ और नये प्रयोगों के परीक्षण की विकसित परम्परा थी. तक्षशिला विश्वविद्यालय जहां…