Category: संस्मरण

रेणु को जानने-समझने का आईना

♦  भारत यायावर   > रेणु के देहावसान के बाद उनके साथ होने का अवसर मुझे मिला और धीरे-धीरे मैं इस तरह रेणु-मय होता चला गया कि बरसों मुझे यह होश नहीं रहा कि मैं रेणु से परे या अलग हूं.…

फ़र्क अंग्रेज़ी और देसी का

बड़ों का बचपन ♦  कृष्णा सोबती  >   बहुत पीछे लौट रही हूं. अपने बचपन की ओर. जाने कितने मोड़ उलांघ आयी हूं. हर मोड़ का एक रंग. आंखों के आगे बेशुमार रंग झिलमिला रहे हैं. ऐसा देख सकने के लिए जाने…

मुकाबला ईश्वर से था…

बड़ों का बचपन ♦  अमृता प्रीतम  >   क्या यह कयामत का दिन है? ज़िंदगी के कई वे पल, जो वक्त की कोख से जन्मे और वक्त की कब्र में गिर गये, आज मेरे सामने खड़े हैं… ये सब कब्रें…

मानवता जन्मजात गुण नहीं है

बड़ों का बचपन ♦  चार्ल्स डार्विन  >   एक जर्मन सम्पादक ने मुझे लिखा कि मैं मन और व्यक्तित्व के विकास के बारे में लिखूं. इसमें आत्मकथा का भी थोड़ा-सा पुट रहे. मैं इस विचार से ही रोमांचित हो गया. शायद यह…

ऐसे पढ़ाई की थी मैंने

बड़ों का बचपन ♦  हेलन केलर  >   जब गिलमैन स्कूल में मेरा दूसरा साल शुरू हुआ तो मैं आशा से भरी हुई थी और सफल होने का मेरा दृढ़ निश्चय था. लेकिन शुरू के कुछ सप्ताहों में ही मुझे अनपेक्षित…