स्मरण (वर्ष 2016 स्वर्गीय शरद जोशी की 85वीं सालगिरह का वर्ष है. (जन्म : 21 मई, 1931) वे आज होते तो मुस्कराते हुए अवश्य कहते, देखो, मैं अभी भी सार्थक लिख रहा हूं. यह अपने आप में कम महत्त्वपूर्ण नहीं है कि…
Category: व्यंग्य
मूर्तियों का प्रजातंत्र – शरद जोशी
व्यंग्य वर्ष 2016 स्वर्गीय शरद जोशी की 85वीं सालगिरह का वर्ष है. वे आज होते तो मुस्कराते हुए अवश्य कहते, देखो, मैं अभी भी सार्थक लिख रहा हूं. यह अपने आप में कम महत्त्वपूर्ण नहीं है कि अर्सा पहले जो…
कहानी पर कर्ज़ – अक्षय जैन
व्यंग्य उस दिन रास्ते में नटवरलाल मिल गये, चेहरे पर सदाबहार रौनक थी. किसी भी सिरे से लगता ही नहीं था कि यह आदमी कभी बूढ़ा भी होगा. बड़े अदब के साथ उन्होंने झुक कर मुझे नमस्कार किया. मैंने कहा-…
मैं राधा – उद्भ्रांत
फाग-राग स्मृति के काले बादलों के बीच मोरपांख हंसती है चुपके से बिजली-सी चमक गयी तम में रागिनियां कौंधीं सरगम में अचरज है भरी आंख हंसती है चुपके से प्राण-भवन में वसंत डोला सांसों का पंछी यह बोला ‘खिड़की से…
एक नफरत कथा – शंकर पुणतांबेकर
व्यंग्य मराठीभाषी हिंदी व्यंग्यकार शंकर पुणताम्बेकर के निधन से एक समर्थ और महत्त्वपूर्ण रचनाकार हमारे बीच से चला गया. उन्हीं की इस व्यंग्य-रचना से हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. यह सही है कि ‘हेट्रेड इज ब्लाइंड’, वरना ख…