Category: कविता

कोई खतरा नहीं  –   ओमप्रकाश वाल्मीकि

कविता शहर की सड़कों पर दौड़ती-भागती गाड़ियों के शोर में सुनाई नहीं पड़ती सिसकियां बोझ से दबे आदमी की जो हर बार फंस जाता है मुखौटों के भ्रम जाल में जानते हुए भी कि उसकी पदचाप रह जायेगी अनचीन्ही नहीं…

मुक्ति की आकांक्षा (पहली सीढ़ी) अप्रैल 2016

।। आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।। चिड़िया को लाख समझाओ कि पिंजरे के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहां हवा में उन्हें अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी. यूं तो बाहर समुद्र है, नदी है, झरना है,…

दो कविताएं  –  केशव शरण

ङ ‘क’ को एक इतिहास एक धर्म एक संस्कृति देकर समय आगे निकल गया ‘ख’ को देने और ‘ख’ के बाद ‘ग’ को देने और ‘ग’ के बाद ‘घ’ को ‘क’ अपने इतिहास धर्म और संस्कृति से चिपककर रह गया…

अलविदा  –  निदा फाज़ली

हमारे समय के महत्त्वपूर्ण शायर निदा फाज़ली के आकस्मिक निधन से हिंदी-उर्दू साहित्य का एक अध्याय समाप्त हो गया. उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप उन्हीं की यह कविता- वालिद की व़फात पर तुम्हारी कब्र पर मैं फातिहा पढ़ने नहीं आया मुझे मालूम…

इरोम शर्मिला  –  सुदाम राठोड़

मराठी कविता नाबालिग लड़की की मानिंद बलात्कार कर दफ्न किये गये प्रजातंत्र के पार्थिव को उलीचते हुए शवों का लेखा-जोखा मांग रही हो तुम इरोम और यहां यह कमीनी व्यवस्था इंतज़ार कर रही है तुम्हारे शव का. इरोम, उस भवन…