Category: पिछले अंक

मई 2010

भारतीय संस्कृति के प्रतीक पुरुषों में एक नाम रवींद्रनाथ ठाकुर का है. भले ही उन्हें दुनिया ‘गीतांजलि’ के गायक के रूप में ही पहचानती हो, लेकिन उनकी कविताओं का यह संग्रह उनका पूरा परिचय नहीं है. पचास से अधिक कहानी…

जनवरी 2005

श्रद्घांजलि सुब्बलक्ष्मी भज गोविंदम्        चेहरे – 2004    सोनिया गांधी, इरफान पठान यासर अराफात मारिया शारापोवा शाहरुख खान लता मंगेशकर मकबूल फिदा हुसैन अरुंधती राय और अंतिम चेहरा                  …

जनवरी 2014

रंग चाहे तितली के हों या फूलों के, जीवन में विश्वास के रंग को ही गाढ़ा करते हैं. पर कितना फीका हो गया है हमारे विश्वास का रंग? पता नहीं कहां से घुल गया है यह मौसम हवा में कि…

दिसम्बर 2012

क्षमा करने का अर्थ है हम कथित अपराध करने वाले को न केवल कोई सज़ा नहीं देना चाहते हैं, बल्कि उसे सुधरने का एक मौका भी देना चाहते हैं. पर क्षमा का अर्थ एवं महत्त्व यहीं तक सीमित नहीं है.…

नवम्बर 2012

जीवन में आशा, उल्लास और विश्वास का महत्त्व असंदिग्ध है. आशा हमें कल के प्रति उत्सुकता का भाव ही नहीं देती, एक ऊर्जा भी देती है कल को जीने की. उल्लास इस ऊर्जा को रंग देता है, प्रखर बनाता है.…