आलोचक, नाटककार, सम्पादक और विचारक डॉ. प्रभाकर श्रोत्रिय की जीवन-यात्रा के यशस्वी 75 वर्ष पूर्ण होने पर हिंदी भवन में भोपाल की साहित्यिक, सांस्कृतिक, और शैक्षिक संस्थाओं ने अमृत प्रसंग आयोजित कर डॉ. श्रोत्रिय का सार्वजनिक अभिनंदन करते हुए उनके दीर्घायु जीवन की कामना की.
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, स्पंदन, संस्कृति संचालनायलय, वनमाली सृजनपीठ तथा पाक्षिक समाचार पत्र ‘पहले पहल’ के संयुक्त तत्त्वावधान में सम्पन्न इस गरिमापूर्ण अभिनंदन समारोह में आयोजक संस्थाओं के अतिरिक्त म.प्र. माध्यम, भारतीय साहित्य सम्मेलन, भारतीय साहित्य परिषद, म.प्र. लेखक संघ, कला मंदिर, अभिनव कला परिषद, दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय, म.प्र. लेखिका संघ, माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय तथा अंतःस्मणि (त्रैमासिक) तथा समय के साखी आदि संस्थाओं और प्रकाशन उपक्रमों ने भी उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं. डॉ. श्रोत्रिय के बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित एक स्मारिका का लोकापर्ण भी मुख्य अतिथि श्री गिरीराज किशोर द्वारा सम्पन्न हुआ.