कुलपति उवाच
03 साहित्यकार का धर्म
के.एम. मुनशी
अध्यक्षीय
04 रचना का पहला चरण है स्वप्न
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
पहली सीढ़ी
11 कागज़ का एक टुकड़ा
कुंवर नारायण
आवरण-कथा
12 भाषा तो पुल है – सम्पादकीय
14 भाषा का काम है जोड़ना
विजय किशोर मानव
19 दूरियां मिटाती है भाषा
सुरेश ऋतुपर्ण
25 हिंदी को बोलियों से मत लड़ाइए
करुणाशंकर उपाध्याय
31 हिंदी का निष्कासन!
रमेशचंद्र शाह
36 भाषा विश्व को जोड़ती है
साराह बेरी
39 भारतीय भाषाएं : दशा, दिशा और भविष्य
राहुल देव
धारावाहिक उपन्यास
101 योगी अरविंद (दूसरी किस्त)
राजेंद्र मोहन भटनागर
शब्द-सम्पदा
136 दुनिया जिसे कहते हैं…
अजित वडनेरकर
आलेख
45 `बहुलता हमारे अंतरतम में बसी है’
अमिताभ घोष
55 एक थी शमा, एक थी सुषमा
डॉ. अ़फरोज़ ताज
65 अपने साथ दस दिन
सुधा अरोड़ा
71 कलाओं में भारतीय दर्शन
श्रीराम परिहार
76 `अब तो कुछ बोलो, प्रतिकार करो’
चित्रा मुद्गल से उषा शर्मा की बातचीत
85 उसका रूठा हुआ चेहरा देखने की
हिम्मत करना मुश्किल काम था…
असगर वजाहत
94 बेआवाज़ों की आवाज़ का सम्मान
रवीश कुमार
118 `भविष्य के लिए पावार’
125 मांगल्य के देवता गणेश
डॉ. ए. एल. श्रीवास्तव
129 धर्म-महासभा में स्वामी विवेकानंद
सुधीर निगम
133 मेरा धर्म और मेरा ईश्वर
महात्मा गांधी
138 किताबें
कथा
49 एपिटाफ
अशोक भौमिक
कविताएं
64 कांचघर
टॉमस ट्रांस्ट्रोमर
93 दो गज़लें
ज़हीर कुरेशी
समाचार
140 भवन समाचार
144 संस्कृति समाचार