वर्ष, साल, यीअर, संवत्

आनंद गहलोत

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सर्वाधिक प्रचलित सन (सन्) 2013- नववर्ष- की असंख्य, अनंत शुभकामनाएं. समय का प्रवाह अनंत है. विश्व के अनेक समुदायों में अलग-अलग दिन नववर्ष मनाया जाता है. भारत में विक्रमादित्य द्वारा शुरू की गयी वर्ष-गणना ईसवी सन् से 56 वर्ष पुरानी है. उसके आगे अरबी शब्द ‘सन’ न लगाकर संस्कृत शब्द संवत् या संवत्सर लगाने की परम्परा है.

चाहे सन् हो या वर्ष, साल हो या संवत् या यीअर- सभी में 12 महीने होते हैं. भारत की सभी भाषाओं को ‘वर्ष’ शब्द वैदिक साहित्य से मिला है; लेकिन वैदिक साहित्य में ‘वर्ष’ का अर्थ वर्षा ऋतु या बरसना था. बरसात का मौसम साल में केवल एक बार आता है. बस एक ऋतु से दूसरी वर्षा ऋतु आने की अवधि का नाम धीरे-धीरे वर्ष हो गया.

वेदों में वर्ष के तीन और ऋतुवाचक शब्द हैं. एक है ‘शरद’, दूसरा है ‘हिमा’, तीसरा है ‘समा’. वैदिक मंत्र ‘जीवेम् शरदः शतम्…’ ‘हम सौ वर्ष जियें’ में ‘शरदः’ वर्ष के अर्थ में है. ऋग्वेद के मंत्र (2-33-2) में वर्ष के लिए ‘हिमा’ शब्द है. ‘हिमा’ का मूल अर्थ है शीत ऋतु. ‘हिमा’ लैटिन में  ‘हीम्ज़’ और रूसी में ‘ज़िमा’ के रूप में है. ऋग्वेद के ही (10-85-5) मंत्र में ‘समा’ भी वर्ष के अर्थ में है. संस्कृत में ‘समा’ का अर्थ ग्रीष्म ऋतु है. यही वैदिक शब्द ‘समा’ यूरोप में ‘समर’ में बदल गया.

हिंदी ने ‘वर्ष’ को छोड़कर साल के इन ऋतुवाचक शब्दों की अर्थ सीमा केवल ऋतुओं तक ही सीमित रखी.  हिंदी को साल के अर्थ में संस्कृत से विरासत में मिले- संवत्सर (‘वत्सर’ नहीं), संवत् और ‘वर्ष’. संस्कृत का वर्ष अर्थवाला शब्द केवल शताब्दी और सहस्राब्दी जैसे शब्दों में ही जीवित बचा है.

‘ईरान’ से फ़ारसी के साथ भारत आया ‘साल’ शब्द इस देश के कुछ समुदायों में ‘वर्ष’ से भी आगे निकल गया; जबकि ‘साल’ ‘शरद’ का सजातीय है. ‘शरद’ ईरान की अवेस्ता भाषा में ‘वर्ष’ अर्थ में सुरक्षित रहा. यूरोपीय भाषाशात्रियों के अनुसार ‘यीअर’ शब्द ‘यान’ शब्द को जन्म देनेवाली संस्कृत की ‘या’ धातु से बना है. संस्कृत में ‘या’ का अर्थ है जाना, दौड़ना.

यूरोप में यीअर के सजातीय हैं- यैर, यार, जैर, जार. हां, ईरान की अवेस्ता भाषा में भी वर्ष के लिए ‘यार’ शब्द का इस्तेमाल होता है.

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