मई 2010

MAY 2010 Cover-fnlभारतीय संस्कृति के प्रतीक पुरुषों में एक नाम रवींद्रनाथ ठाकुर का है. भले ही उन्हें दुनिया ‘गीतांजलि’ के गायक के रूप में ही पहचानती हो, लेकिन उनकी कविताओं का यह संग्रह उनका पूरा परिचय नहीं है. पचास से अधिक कहानी संग्रह, बारह उपन्यास, तीस से अधिक नाटक, दो सौ से अधिक निबंध और दो हज़ार से अधिक कविताएं लिखने वाले रवींद्रनाथ को मात्र एक साहित्यकार के रूप में देखना भी सही नहीं होगा. उनकी चित्रकला, उनका संगीत, शिक्षा की उनकी परिकल्पना का साकार रूप शांतिनिकेतन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान उन्हें एक ऐसे महामानव के रूप में सामने लाता है, जिस पर किसी भी समाज को गर्व हो सकता है. वैसे रवींद्रनाथ ठाकुर जैसा व्यक्तित्व किसी समाज या किसी देश की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता. ऐसे व्यक्तित्व समूची मानवता के थाती होते हैं. फिर भी, हमें इस बात पर गर्व करने का अधिकार तो है कि रवींद्रनाथ ठाकुर हमारे भी थे.

7 मई 1861 को जन्मे रवींद्रनाथ की इस वर्ष 150वीं जयंती है. इस तरह के अवसर अपने महापुरुषों को फिर से समझने की कोशिश का निमित्त बनते हैं, उनके प्रति कृतज्ञता-ज्ञापन का भी. नवनीत आज इसी भाव से कवींद्र रवींद्र को याद कर रहा है.

 

शब्द-यात्रा

आशिक की धूम
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

वंदना
रवींद्रनाथ ठाकुर

आवरण-कथा

हमारी संस्कृति के प्रतीक पुरुष
सम्पादकीय
इस रवींद्रनाथ को भी तो जानिए
आलोक भट्टाचार्य
बच्चे नहीं जानते, जाल कैसे फेंके जाते हैं
डब्ल्यू. बी. यीट्स
मैं रवींद्रनाथ ठाकुर नाम के साथ बड़ी हुई हूं
महाश्वेता देवी
मैंने वह उपन्यास क्यों लिखा
दिनकर जोषी
पहला हिंदी भाषण
रवींद्रनाथ
साहित्य का उद्देश्य 
रवींद्रनाथ ठाकुर

मेरी पहली कहानी

बोसीदनी
प्रियंवद

आलेख

एक नये ज्ञानोदय की सुगबुगाहट
मस्तराम कपूर
…तो हम सबकुछ ठीक कर लेंगे
एन.आर. नारायण मूर्ति
कृष्ण चंदर के दिल और दिमाग में भी दो खिड़कियां थीं
ख्वाजा अहमद अब्बास
नील घाटी की पाषाणी सभ्यता का स्वर्णकाल
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव
राजस्थान का राज्यपक्षी – सोनचिरैया
डॉ. परशुराम शुक्ल
दिव्य आनंद के विकास का प्रयोग 
आचार्य महाप्रज्ञ
भाषाओं और बोलियों का सिमटता संसार
आकांक्षा यादव
क्या रवींद्रनाथ तुलसीदास से बड़े हैं?
इलाचंद्र जोशी
किताबें

व्यंग्य

एक पाती प्रभु के नाम
कुंदन सिंह परिहार
नकली नोटों का राज
गोपाल चतुर्वेदी

उपन्यास अंश

कंथा (भाग-1)
श्याम बिहारी श्यामल

कहानी

जंग
भगवान अटलानी
भयचक्र
अनंत चौरसिया
भावग्राही जनार्दन
डॉ. नारायण तिवारी

कविताएं

गीतांजलि
रवींद्रनाथ ठाकुर
गीत
यश मालवीय
दो पाकिस्तानी कविताएं 
शाइस्ता हबीब, बुशरा एजाज

समाचार

संस्कृति-समाचार
भवन-समाचार