नवम्बर 2019

कुलपति उवाच 

03   शिक्षा का दायित्व

     के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04   दुनिया जिसमें हम रहते हैं

     सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11   बुनाई का गीत

     केदारनाथ सिंह

आवरण-कथा

12   `मिटी धुंध जग चानण होया’

     सम्पादकीय

14   नानक हर युग को चाहिए

     विजय किशोर मानव

20   बे-गमपुरा बनाइए

     बलबीर माधोपुरी

22   एक ओंकार सतनाम 

     ओशो 

32   नानक-वाणी

60   हैं सबसे मधुर फिर भी…

     सुनीता देशपांडे

68   पु.ल. देशपांडे, आप अपने आपको समझते क्या हैं?

     पु.ल. देशपांडे

76   ज़िंदगी भी आ मिली हमारे साथ

     इमरोज़

83   नौ फूलों की व्यथा

     अमृता प्रीतम

87   कुछ प्रश्न शाश्वत होते हैं

     डॉ. कुसुम अंसल

101  `जीवन सबसे बड़ी पुस्तक है’

     अजित कुमार

103  जैसा कि मेरा इंगित हस्ताक्षर करता है…

     डॉ. हरिवंश राय बच्चन

126  भित्ति में प्राण 

     नर्मदा प्रसाद उपाध्याय

130  इस देश में हर दसवां आदमी लेखक है!

     जयप्रकाश मानस

134  फूल नहीं, पौधा

     प्रयाग शुक्ल

136  किताबें

व्यंग्य

96   यक्ष प्रश्न

     जसविंदर शर्मा

धारावाहिक उपन्यास 

104  योगी अरविंद (चौथी किस्त)

     राजेंद्र मोहन भटनागर

शब्द-सम्पदा

138  कुएं का बच्चा यानी चहबच्चा

     अजित वडनेरकर

आलेख 

47   गांधी की मृत्यु

     नेमेथ लास्लो

56   मायावादी भाष्यकार

     तर्कतीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी

कथा

35   बेबे को बता देना

     विमला मल्होत्रा

122  श्रवणकुमार  का  बाप 

     प्रकाश गुप्ते

कविताएं

81   तीन कविताएं

     अमृता प्रीतम

120  सबसे खतरनाक

     पाश

समाचार

140  वार्षिक काउंसिल बैठक में अध्यक्ष का प्रतिवेदन

144  संस्कृति समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *