दिसम्बर 2012

Dec 2012 Cover 1 & 4 FNLक्षमा करने का अर्थ है हम कथित अपराध करने वाले को न केवल कोई सज़ा नहीं देना चाहते हैं, बल्कि उसे सुधरने का एक मौका भी देना चाहते हैं. पर क्षमा का अर्थ एवं महत्त्व यहीं तक सीमित नहीं है. शेक्सपियर ने दया को दुहरे गुण वाला  हथियार बताया था- दया के पात्र और दया करने वाले, दोनों को दया का लाभ मिलता है. क्षमा भी ऐसा ही अत्र है. क्षमा पाने वाला ही नहीं, क्षमा करने वाला भी इससे लाभान्वित होता है– क्षमा पाने वाले को सुधरने का मौका मिलता है और क्षमा करने वाले को अपने मनुष्य होने  को सार्थक करने का एक अवसर. क्षमा करना आसान काम नहीं है, इसी तरह क्षमा मांगना भी आसान नहीं होता है. बहुत बड़ा नैतिक साहस चाहिए व्यक्ति में यदि वह ईमानदारी से क्षमा मांग रहा है. जैन धर्म में तो क्षमा मांगने को पर्व का रूप दे दिया गया है. क्षमा मांगना भी पुण्य है, क्षमा करना भी.

 

कुलपति उवाच

तोड़ दो वह कड़ी
के. एम. मुनशी

शब्द-यात्रा

कथा पहुंची कहानी से उपन्यास तक
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

क्षमा करना
रवींद्रनाथ ठाकुर

आवरण-कथा

सम्पादकीय
छमा बड़न को चाहिए…
गंगा प्रसाद विमल
परिक्रमा नहीं, यात्रा है क्षमा
नर्मदा प्रसाद उपाध्याय
क्षमा तो स्वयं से भी मांगनी होती है!
हुकमचंद भारिल्ल
क्षमा की भारतीय अवधारणा
आनंदप्रकाश दीक्षित
भीष्म को क्षमा नहीं किया गया!
हजारीप्रसाद द्विवेदी
वह बापू से क्षमा मांगने आया था
मनु गांधी
चेतना के प्रवाह को उलटना होगा
आचार्य महाप्रज्ञ

मेरी पहली कहानी

केंचुल
शालिग्राम

60 साल पहले

महापुरुषों के अतृप्त सपने
नागोची

आलेख

पर्यावरण और सनातन दृष्टि
छगन मोहता
उपनिषद पढ़ते हुए
इला कुमार
इसके अलावा और लिख भी क्या सकता हूं?
मो यान
झारखंड का राज्यवृक्ष- साल
डॉ. परशुराम शुक्ल
कच्चे रास्तों…
अमिताभ मिश्र
एक अप्रतिम जीवन का नाम है बाबा आमटे
सुरेश द्वारशीवार
वर्तमान की तलछट
ओम थानवी
किताबें

महाभारत जारी है

विदेशनीति
प्रभाकर श्रोत्रिय

व्यंग्य

शुक्र है आज नहीं हुए ग़ालिब और कबीर
शशिकांत सिंह ‘शशि’

कविताएं    

प्रभु उसे क्षमा करो   
गैब्रिएला मित्राल
दो कविताएं    
हूबनाथ
अविस्मृत      
शरद रंजन शरद

कहानियां

जागरण (लघुकथा)
दुर्गाशंकर राय
चेहरा
हाइनरिश बायल
मिसेज़ रोशन का वंडर डॉग
मनीष कुमार सिंह

समाचार

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