19 फरवरी 2014
कुशाभाऊ ठाकरे पत्राकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय मानव अध्ययन शोधपीठ एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन स्वर्ण जंयती वर्ष समारोह के प्रारंभ के अवसर पर अकादमिक विचार जागरण अभियान की उद्घोषणा के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी नवीन विश्रामगृह आयोजित की गयी।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीगढ विधानसभा के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक व्यक्ति नहीं थे बल्कि वे एक विचारसंस्था है। उन्होंने सदैव समाज के अंतिम व्यक्ति की चिन्ता की है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि विकास के लिये विकेन्द्रित अर्थव्यवस्था होनी चाहिये एवं रोजगार के माध्यम से धन कमाया जाना चाहिये। लोगों को अधिक से अधिक स्वरोजगार करना चाहिये एवं राष्ट्र के विकास में प्रत्येक व्यक्ति को योगदान करना चाहिये। आज के समय में हमें एकात्म मानववाद के प्रणेता के विचारों को आत्मार्पित करना होगा।
संगोष्ठी में मानव की सुख समृद्धि का मार्ग विषय पर भूतपूर्व राज्यसभा सदस्य एवं अर्थशास्त्रा श्री महेशचन्द्र शर्मा दिल्ली ने कहा कि तनमन, बुद्धि एवं आत्मा के लिये अनुकूलता का एहसास ही सुख है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का उद्धरण लेते हुये कहा कि व्यक्ति चतुरआयामी है। इन चतुरआयामो में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा प्रमुख है। इन चारों आयामों की एकात्मता से व्यक्ति का निर्माण होता है। सुख के लिये इन चारों का समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य अभावों एवं प्रभावो की कुंठाओं से जो मुक्त होता है वह बैकुण्ठ प्राप्त कर लेता है।
समारोह में प्रसिद्ध अर्थशास्त्रा बजंरग लाल गुप्ता ने कहा कि जीडीपी के आधार पर राष्ट्र के विकास को देखते है। पश्चिमी देशों ने भारत की जीडीपी दर को ठीक तरह से परिभाषित न करके पिछडा देश माना है। उन्होंने कहा कि जीडीपी पर आधारित विकास का माडल ठीक नही है इसे बदला जाना चाहिये। कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक एवं सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्री कश्मीरीलाल, नई दिल्ली ने कहा कि वर्तमान वैश्विक चिंतन समस्याओ से घिरा हुआ है। ऐसे समय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानव दर्शन की आवश्यकता है। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शिवकुमार पाण्डेय ने कहा कि सभ्यता के विकास में प्रत्येक व्यक्ति का कुछ योगदान होना चाहिये। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल ने कहा कि पाश्चात्य विचारधारा उपभोग करो और फेको पर आधारित है जबकि भारतीय संस्कृति में जरूरत के आधार पर वस्तुओं का उपभोग करना चाहिये।
कार्यक्रम में कुशाभाऊ ठाकरे पत्राकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के स्वर्ण जंयती वर्ष को पूरे प्रदेश में मनाया जायेगा। इसके तहत छत्तीसगढ के सभी जिला स्तर एवं विकासखण्डों में युवाओ के बीच जाकर एकात्म मानव दर्शन का प्रसार किया जायेगा। इस स्वर्णजंयती वर्ष में एकात्म मानव दर्शन पर वर्षभर कार्यक्रम आयोजित होंगे।
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. महादेव प्रसाद पाण्डेय, श्री फूलचंद जैन, डॉ. नरेन्द्र दीक्षित, स्वदेशी जागरण मंच की प्रदेश महिला प्रमुख श्रीमती शीला शर्मा, श्री महेश वैश्य, श्री सत्यनारायण अग्रवाल, डॉ. अशोक पारख, अधिवक्ता श्री संतोष पाण्डेय, श्री रमेश नैयर, श्री सच्चिदानंद उपासने, श्री बबनप्रसाद मिश्र, श्री कनक तिवारी, श्री परितोष चक्रवर्ति, कार्यक्रम के संयोजक श्री दिनकर केशव भाखरे, वि.वि. के कुलसचिव डॉ. संदीप वनसूत्रो, प्राध्यापक डॉ. शाहिद अली, श्री पंकजनयन पाण्डेय, श्री नृपेन्द्र शर्मा सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
– डॉ. नरेन्द्र त्रापाठी (विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रानिक मिडिया)