“अफलातून की अकादमी” का विमोचन

डॉ. शिव शर्मा के व्यंग्य एकांकी

Harish Kumar Vimochan 

    उज्जैन। व्यंग्यकार डॉ. शिव शर्मा के व्यंग्य एकांकी अफलातून की अकादमी एवम् व्यंग्यकार डॉ. हरीशकुमार सिंह के व्यंग्य संकलन सच का सामना का विमोचन प्रेस क्लब में 16 फरवरी 2014 को आयोजित किया गया।  विमोचन प्रसंग के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. प्रभात भट्टाचार्य, प्रमुख अतिथि वरिष्ठ कवि श्री प्रमोद त्रिवेदी एवम् विशेष अतिथि डॉ. शैलेन्द्र शर्मा ने व्यंग्य एकांकी ”अफलातून की अकादमी“ एवम् व्यंग्य संग्रह ’सच का सामना‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ. प्रभात भट्टाचार्य ने कहा कि  व्यंग्य एक गम्भीर विधा है। वक्रोक्ति के जरिये सीधी, सहज, सरल भाषा में व्यंग्य करना आसान काम नहीं है। रचनाकार की प्रतिरोध करने की क्षमता ही व्यंग्य और व्यंग्यकार को जन्म देती है। डॉ. शिव शर्मा की व्यंग्य एकांकियाँ मंचन की दृष्टि से लोकरंजक हैं।

वरिष्ठ कवि श्री प्रमोद त्रिवेदी ने कहा कि यह व्यंग्य की ही तासीर है जो समाज की विसंगतियों को देखकर चुप नहीं रह सकती। व्यंग्यकार की पैनी नजर समाज की विसंगतियों को बखूबी देख सकती है। विशेष अतिथि विक्रम वि.वि. के कुलानुशासक     डॉ. शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि इन दोनों संग्रहों की रचनाओं को पढ़ना अपने आपको घूमते हुए आईने के बीच में पाना है जिसमें हम अपने अन्दर की विडम्बनाओं, विद्रुपताओं को देख सकते हैं। व्यंग्यकार का समाज में होना आज की आवश्यकता बन गया है। प्रख्यात व्यंग्यकार डॉ. शिव शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि मालवा की हवा पानी में ही ऐसा कुछ है कि व्यंग्य की धारा यहाँ निरन्तर बह रही है। शरद जी से जो हमने सीखा है उसे नये व्यंग्यकार भी आगे बढ़ा रहे हैं।

व्यंग्य संग्रह ”सच का सामना“ (डॉ. हरीशकुमार सिंह) पर चर्चा करते हुए व्यंग्यकार डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा ने कहा कि संग्रह की रचनाएँ समाज में व्याप्त तमाम विषयों की विसंगतियों पर निर्मम प्रहार करती है। व्यंग्य एकांकी ”अफलातून की अकादमी“ पर चर्चा करते हुए साहित्यकार श्री श्रीराम दवे ने कहा कि एकांकी के संवाद व्यंग्य में सने हुए हैं। तथा व्यंग्य की धार अत्यन्त पैनी है। एकांकी की रचनाएँ समाज, व्यवस्था, पुलिस, शैक्षणिक संस्थाओं में व्याप्त विसंगतियों और गैर जिम्मेदारियों पर प्रहार करती हैं। माँ सरस्वती के चित्र पर दीप आलोकन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। अतिथियों का स्वागत साहित्य मंथन के महासचिव श्री मुकेश जोशी, रमेशचंद्र शर्मा, गफूर स्नेही, शैलेष लेले, अनिल कुरेल, प्रशान्त सोहले, बी.एल. मूंदड़ा, बी.एल. आच्छा, अमित मिश्रा आदि ने किया। कार्यक्रम में   डॉ. शिव चौरसिया, श्री अशोक वक्त, डॉ. हरीश प्रधान, राजेश ठाकुर, डॉ. रामसिंह यादव, विनोद जुवारिया, के.डी. सोमानी, राजेश रावल, धर्मेन्द्र शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप नाडकर्णी एवम् आभार डॉ. स्वामीनाथ पाण्डे ने व्यक्त किया।

दिनांक : 18 फरवरी 2014                      (डॉ. हरीशकुमार सिंह)

                                                 

                                                 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *