एक-दूसरे की बेमतलब
आज खून की प्यासी दुनिया
बम-मिसाइलों की दीवानी
हथियारों की दासी दुनिया
हम बच्चों से कुछ तो सीखें
हिल-मिलकर कैसे रहते हैं
कैसे हर मन के आंगन में
प्यार और भाई चारे के
मंगल दीप सदा जलते हैं
युद्धों की दीवानी दुनिया
भूली हुई प्यार की मीठी
मिसरी जैसी बानी दुनिया
हम बच्चों से कुछ तो सीखे!
कट्टी करते हैं पल भर में
बट्टी करते है पल भर में
भेदभाव नफ़रत की कोई
जगह नहीं बचपन के घर में
जाति-पांत भाषा धर्मों के
झगड़ों से बिल्कुल अनजाने
गाते रहते हैं हर पल हम
मस्ती के दिन-रात तराने
हृदय मोतियों जैसे सच्चे
धरती के मासूम फरिश्ते
हम सब बच्चे कितने अच्छे
विश्वशांति के बाल-गीत हम
देवदूत हर नयी सदी के
हम से दुनिया कुछ तो सीखे!
हम सब बच्चे कितने अच्छे!!