सितम्बर 2019

कुलपति उवाच 

03    साहित्यकार का धर्म

      के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04    रचना का पहला चरण है स्वप्न

      सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11    कागज़ का एक टुकड़ा

      कुंवर नारायण

आवरण-कथा

12    भाषा तो पुल है  –  सम्पादकीय

14    भाषा का काम है जोड़ना

      विजय किशोर मानव 

19    दूरियां मिटाती है भाषा

      सुरेश ऋतुपर्ण

25    हिंदी को बोलियों से मत लड़ाइए  

      करुणाशंकर उपाध्याय

31    हिंदी का निष्कासन!

      रमेशचंद्र शाह

36    भाषा विश्व को जोड़ती है

      साराह बेरी

39    भारतीय भाषाएं :  दशा, दिशा और भविष्य

      राहुल देव

धारावाहिक उपन्यास 

101   योगी अरविंद (दूसरी किस्त)

      राजेंद्र मोहन भटनागर

शब्द-सम्पदा

136   दुनिया जिसे कहते हैं…

      अजित वडनेरकर

आलेख 

45    `बहुलता हमारे अंतरतम में बसी है’

      अमिताभ घोष

55    एक थी शमा, एक थी सुषमा

      डॉ. अ़फरोज़ ताज

65    अपने साथ दस दिन

      सुधा अरोड़ा

71    कलाओं में भारतीय दर्शन

      श्रीराम परिहार

76    `अब तो कुछ बोलो, प्रतिकार करो’

      चित्रा मुद्गल से उषा शर्मा की बातचीत

85    उसका रूठा हुआ चेहरा देखने की

      हिम्मत करना मुश्किल काम था…

      असगर वजाहत

94    बेआवाज़ों की आवाज़ का सम्मान

      रवीश कुमार

118   `भविष्य के लिए पावार’

125   मांगल्य के देवता गणेश

      डॉ. ए. एल. श्रीवास्तव

129   धर्म-महासभा में स्वामी विवेकानंद

      सुधीर निगम

133   मेरा धर्म और मेरा ईश्वर

      महात्मा गांधी

138   किताबें

कथा

49    एपिटाफ 

      अशोक भौमिक

कविताएं

64    कांचघर

      टॉमस ट्रांस्ट्रोमर

93    दो गज़लें

      ज़हीर कुरेशी

समाचार

140   भवन समाचार

144   संस्कृति समाचार

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