पुस्तक परिचय (फ़रवरी, 2014)

आओ, थोड़ी धूप बांट दें

चंद्ररेखा सिंह

अनुभव प्रकाशन, ई-28, लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद-5

इस काव्य संग्रह को चार भागों में बांटा गया है. भोर शीर्षक के अंतर्गत उनकी प्रारम्भिक रचनाएं रखी गयी हैं जबकि दोपहर के अंतर्गत उसके बाद की रचनाएं छांटकर संकलित की गयी हैं. सांझ शीर्षक से वे कुछ रचनाएं हैं जो तीसरे प्रहर से उपजती हैं. विविध के अंतर्गत अवसर या व्यक्ति विशेष पर केंद्रित रचनाएं हैं. गीत-विधा के चलते इन कविताओं की पठनीयता और बढ़ जाती है.

आरोहण

शासनश्री मुनि सुखलाल

आदर्श साहित्य संघ, प्रकाशन, 210, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, न.दि. -02

तेरापंथ धर्मसंघ के साहित्यकार संत मुनि सुखलालजी ने अंतःप्रवेश से लेकर समापनम् तक के 14 खंडों में इस काव्य ग्रंथ को रचा है. इसमें नेमीनाथ की यशोगाथा, उनके वैराग्य और ऊर्ध्वारोहण का वृत्तांत दिया गया है. कथा-चक्र नेमीनाथ के उदात्त चरित्र के इर्द-गिर्द घूमता है. मानव जीवन में नैतिकता  के विकास और मानवीय गुणों के आरोहण में ये कथाएं प्रेरक है.

 

पानी पर नाम लिखा न करो

प्रियदर्शी खैरा

बोधि प्रकाशन, एफ-77 सेक्टर 9, रोड नं. 11, करतारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया,
बाईस गोदाम, जयपुर-302006

खैरा की इन हिंदी ग़ज़लों में मौलिक कल्पनाएं एवं अनुभव भी मिल जाएंगे. कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग भी मिल जाएगा जो फारसी-उर्दू से होते हुए अब हिंदी के हो गये हैं. इस संग्रह को शायर ने इश्क, अहसास, आसपास, रिश्ते और इबादत जैसे हिस्सों में बांट दिया है जिसमें मिजाज और उम्र के हर पड़ाव की ग़ज़लों का आस्वाद मिल जाता है.

शिक्षा की सार्वभौमिकता

संग्रामसिंह सोढ़ा

आदर्श प्रकाशन मंदिर, दाऊजी रोड, बीकानेर, राजस्थान-334005

प्रस्तुत पुस्तक में शिक्षा संबंधी तथ्यों पर प्राचीन संस्कृति से लेकर भारत में प्रचलित अब तक की शिक्षण पद्धतियों पर व्यापक रूप से विश्लेषण किया गया है. शैक्षणिक, वैचारिक, चारित्रिक एवं संस्कारित शिक्षा संबंधी रचनाएं आज की भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का काम करेंगी.  शिक्षा के स्तर को संवारने-सुधारने की दृष्टि से इन रचनाओं का महत्त्व बढ़ जाता है. 

 

 गुलगुले

कृष्णा अग्निहोत्री

नमन प्रकाशन, 4231/1, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली – 02

इस पुस्तक में बच्चों की 42  कहानियों को संग्रहित किया गया है. मां, बाबू, दो बहनें, चालाक लोमड़ी, नीली आंखों वाली लड़की, दो मित्र, समय की कीमत आदि प्रचलित विषयों के अतिरिक्त अक्षरों की हड़ताल, रामकृष्ण परमहंस, शीतला सप्तमी, मेघों का खोल है बस्ता, गुलगुला  और अप्पू की चांद यात्रा जैसे नये बाल विषयों पर भी कहानियां लिखी गयी हैं. बाल साहित्य को बढ़ावा देने एवं समृद्ध करने की सार्थक कोशिश इस संग्रह द्वारा की गयी है.

गंगा तट से भूमध्यसागर तक

सं.- दयानिधि मिश्र
अनु. नर्मदा प्रसाद उपाध्याय

सस्ता सहित्य मंडल, एन 77, पहली मंजिल, कनॉट सर्कस, नयी दिल्ली-01

पं. विद्यानिवास मिश्र और स्पेन के रॉफेल अरगुलॉई के अतिरिक्त ऑस्कर पुजॉल, सीताराम कविराज, राकेश चंद्र के बीच के संवाद को लिपिबद्ध किया गया है. मिश्रजी और रॉफेल के इन संवादों में दर्शन, कला, साहित्य, सौंदर्य शात्र तथा तर्क शात्र सहित ज्ञान के विभिन्न अनुशासनों के दर्शन होते हैं. इन विभिन्न अनुशासनों के प्रति पश्चिम की क्या अवधारणा है, दोनों में भिन्नता कहां है और मिलन बिंदु कौन-कौन से हैं इसके बारे में स्पष्ट विचार हैं.

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