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स्नोबाल की खुराफातें

♦  जॉर्ज ऑरवेल   >  कडाके की सर्दियां पड़ीं. तूफानी मौसम अपने साथ ओले और हिमपात लेकर आया. उसके बाद जो कड़ा पाला पड़ा, वह फरवरी तक बना रहा. पशु पवनचक्की को फिर से बनाने में अपनी तरफ से जी जान…

मैंने सार्वकालिक किताबें नहीं लिखीं

जॉर्ज ऑरवेल ‘बचपन से ही सोचा करता था. बड़ा होकर लेखक ही बनूंगा.’   हालांकि, सत्रह पार करते-करते इस विचार में डगमगाहट आने लगी. इसके बाद के सात-आठ साल में मैं लेखक बनने के इरादे को छोड़ देना चाहता था. कोशिश…