♦ गोपाल चतुर्वेदी > किसी उत्सव प्रिय देश में त्योहार विमुख होना, बिना किसी कानूनी हिफाजत के कट्टर धार्मिक मुल्क में अल्पसंख्यक रहने जैसा है. लोग आपको इंसानी चेहरे-मोहरे के बावजूद कोई अजूबा समझें. हमें आश्चर्य है. कुछ पढ़े-लिखे…
♦ गोपाल चतुर्वेदी > किसी उत्सव प्रिय देश में त्योहार विमुख होना, बिना किसी कानूनी हिफाजत के कट्टर धार्मिक मुल्क में अल्पसंख्यक रहने जैसा है. लोग आपको इंसानी चेहरे-मोहरे के बावजूद कोई अजूबा समझें. हमें आश्चर्य है. कुछ पढ़े-लिखे…