Tag: रामचंद्र मिश्र

इस विनाश को हम स्वयं न्योता दे रहे हैं

 ♦   रामचंद्र मिश्र    > मुद्दत से रोटी कपड़ा मकान, इन्हीं बुनियादी ज़रूरतों पर इंसानी ज़िंदगी मज़े से टिकतीआयी है. बची-खुची ज़रूरतें किस्से-कहानी, भजन-कीर्तन से पूरी होती रही हैं. अब इंसान की ज़िंदगी खुद उसकी पॉकिट में आ गयी…

अक्टूबर 2008

शब्द-यात्रा पंडित, मुल्ला और पादरी आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  आगामी कल मेरा है कार्ल सैंडबर्ग आवरण-कथा सम्पादकीय …लेकिन प्रकाश अस्त न हो रमेश दवे जब मिलेगी रोशनी, मुझसे मिलेगी कन्हैयालाल नंदन आत्मा की मातृभाषा परिचय दास मेरी पहली कहानी दहशत…

मई 2012

निस्संदेह विकास के ढेर सारे टापू विकसित किये हैं हमने, लेकिन हमारे गांव कुल मिलाकर अभी इस विकास की परिधि पर ही हैं. दुर्भाग्य तो यह भी है कि हमारी ग्राम-सभ्यता और ग्राम-संस्कृति भी इस दौरान लगातार क्षरित हुई है,…

अप्रैल 2014

छह अप्रैल 1930 को 241 मील की यात्रा करके गांधी अपने अनुयायियों के साथ गुजरात के समुद्र तट पर बसे दांडी पहुंचे थे. उस दिन गांधी ने वहां  ब्रिटिश सत्ता द्वारा थोपे गये नमक-कानून का उल्लंघन करके सत्याग्रह को एक…