‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते….’ का जाप करने वाला हमारा समाज वस्तुतः नारी को एक भोग्या अथवा वस्तु के रूप में ही देखता है. आज जीवन में हर क्षेत्र में नारियां उपलब्धियों के शिखर छू रही हैं, लगातार स्वयं को प्रमाणित कर…
‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते….’ का जाप करने वाला हमारा समाज वस्तुतः नारी को एक भोग्या अथवा वस्तु के रूप में ही देखता है. आज जीवन में हर क्षेत्र में नारियां उपलब्धियों के शिखर छू रही हैं, लगातार स्वयं को प्रमाणित कर…