Tag: डॉ. ओ.पी. जोशी व डॉ. जयश्री सिक्का

दिसंबर 2008

शब्द-यात्रा ‘कुर्बान’ से बलिदान तक आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  एक अकेली एक चेतना हरीश भादानी आवरण-कथा अंधे-अंधेरे समय में नैतिक प्रतिज्ञाओं को बचाना है नंद चतुर्वेदी सज्जनों का मौन गज्यादा खतरनाक है न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी उन्मादी नहीं जानते वे क्या कर…

मई 2008

शब्द-यात्रा तपिश दिल की बुझा लेना आनंद गहलोत पहली सीढ़ी  चल अकेला रे… रवींद्रनाथ ठाकुर आवरण-कथा आगे बढ़ना है तो चलना ही पड़ेगा डॉ. कन्हैयालाल नंदन सभ्यता में पहिया अनूप सेठी साइकिल-चिंतन विजय कुमार तब जीवन का छंद कविता बनता…