Tag: जगन्नाथ प्रसाद मिश्र

हास्य का मनोविज्ञान

♦  जगन्नाथ प्रसाद मिश्र   > मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो हंस सकता है. अन्य प्राणी हंस नहीं सकते. हास्य द्वारा आनंद-प्रकाश की क्षमता मनुष्य के प्रति विधाता की एक बहुत बड़ी देन है. इसीसे सृष्टि के आदिकाल से…

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…