Tag: गोपाल प्रसाद व्यास

मेरे साहित्य की आदि-प्रेरणा

♦  गोपाल प्रसाद व्यास   > संसार के अन्य शुभ कार्यों में चाहे प्रेरणा की ज़रूरत न महसूस होती हो, मगर यह जो कविता लिखने का महाकार्य है उसमें तो प्रेरणा का दौरा पड़ना वैसे ही आवश्यक है, जैसे मलेरिया-बुखार के…

जनवरी 2010

महाकवि जयशंकर प्रसाद की कविता थी- ‘छोटे-से जीवन की कैसे बड़ी कथाएं आज कहूं/ क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूं’. यूं तो लेखक की हर रचना में कहीं न कहीं अपनी बात होती ही है…

मार्च 2012

  शब्द-यात्रा ‘प्रजा’ की यात्रा आनंद गहलोत  पहली सीढ़ी ओ पड़ोसी! रिल्के  आवरण कथा सम्पादकीय वंदे हास्यरसम् गोपाल प्रसाद व्यास भीतरी आनंद का बाहरी चित्र बालमुकुंद गुप्त भारतीय कला में हास्य और मनोरंजन कृष्णदत्त वाजपेयी गजानन बनाम गणनायक  मेरी पहली…

मार्च 2014

  जब हम कोई व्यंग्य पढ़ते हैं या सुनते हैं तो अनायास चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. हो सकता है इसीलिए व्यंग्य को हास्य से जोड़ दिया गया हो, और इसीलिए यह मान लिया गया हो कि व्यंग्य हास्य…