आओ, थोड़ी धूप बांट दें चंद्ररेखा सिंह अनुभव प्रकाशन, ई-28, लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद-5 इस काव्य संग्रह को चार भागों में बांटा गया है. भोर शीर्षक के अंतर्गत उनकी प्रारम्भिक रचनाएं रखी गयी हैं जबकि दोपहर के अंतर्गत उसके बाद…
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अगस्त 2008
शब्द-यात्रा ‘ऊपर’ और ‘अंतर’ में अंतर आनंद गहलोत पहली सीढ़ी हे प्रभु! रवींद्रनाथ ठाकुर आवरण-कथा आओ, आकाश को ऊंचा करें हमारे आसपास दिखनेवाली ऊंचाइयां सूर्यबाला जंगल की आग बुझानी है… ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शब्द ही आकाश को ऊंचा उठाते हैं…
जनवरी 2012
स्वर्गीय श्रीगोपाल नेवटिया ने जनवरी 1952 में हिंदी का यह डाइजेस्ट देश को समर्पित किया था. उन्होंने पत्रिका के पहले सम्पादकीय में लिखा था- “नवनीत ज्ञान-विज्ञान और उनके सत्साहित्य की चुनी हुई जलधाराओं के अंशों को अपने घट में भरेगा……