♦ तेज प्रकाश > और तभी सीताकांतजी ने कहा था, “ये जो अच्छा लगने वाली बात है विद्युतजी, यही तो बात है. और यह कोई छोटी नहीं, बहुत बड़ी बात है. अच्छा लगे, यह एक शुद्ध, निखालिस सुख की बात…
♦ तेज प्रकाश > और तभी सीताकांतजी ने कहा था, “ये जो अच्छा लगने वाली बात है विद्युतजी, यही तो बात है. और यह कोई छोटी नहीं, बहुत बड़ी बात है. अच्छा लगे, यह एक शुद्ध, निखालिस सुख की बात…