वसंत का महीना है फरवरी. फूलों की गंधों और मन की उमंगों से हवाओं को भर देनेवाला वसंत जीवन में सकारात्मकता का एक अध्याय जोड़ देता है. खुशी का एक भीना-भीना अहसास उल्लसित कर जाता है तन-मन को. ऐसे में…
Category: संपादकीय
बचपन रखो जेब में
♦ विश्वनाथ सचदेव > टी.वी. हमेशा की तरह चल रहा था. मैं देख भी रहा था, नहीं भी देख रहा था. सुन भी रहा था, नहीं भी सुन रहा था. अचानक एक वाक्यांश कानों से टकराया. लगा जैसे वह कानों…
जीवन रसमय बना रहे
भरत मुनि के रस-सिद्धांत अथवा मम्मट द्वारा की गयी रसों की व्यवस्था-व्याख्या को हम जीवन के लिए बोझिल मानकर भले ही नकार दें, पर रस को जीवन से निष्कासित करके जीवन को पूरी तरह समझा नहीं जा सकता. रस और…