♦ डॉ. आनंदप्रकाश दीक्षित > मानवीय चेतना की बहुअर्थी अभिव्यक्ति है शब्द. शब्द का प्रत्यक्ष उसके प्रयोक्ता की अंतश्चेतना- मानसिक ऊर्जा, बौद्धिक तर्क-वितर्क, मनोद्वेग तथा संवेदन आदि के बाह्य प्रकाशन के रूप में होता है. ज्ञान-विज्ञानात्मक वाङ्मयीन विधाओं की…
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सिर्फ फंतासी नहीं हैं विज्ञानकथाएं
♦ शैलेंद्र चौहान > उन्नीसवीं सदी के आरम्भ और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध के मध्यकाल में दुनिया भर में अनेक विज्ञान-कथाएं लिखी गयीं, जिन्होंने न केवल भविष्य के विज्ञान को परिलक्षित किया बल्कि समाज के वैज्ञानिक विकास को नियोजित…
सबसे अधिक बिक्री वाला उपन्यास
♦ सुखबीर द्वारा प्रस्तुत 12 फरवरी, 1963. न्यूयार्क की जैकलीन सूसन नामक टेलिविजन अभिनेत्री ने टाइपराइटर पर कागज चढ़ाया और अपने दोनों हाथों की तीन उंगलियों से टाइप करती हुई वह एक उपन्यास लिखने लगी. उस…
वनस्पति-लोक का विदूषक
♦ डॉ. अंबिका प्रसाद दीक्षित उच्च श्रेणी के वनस्पति-समुदाय में शायद सबसे अजीब शक्ल-सूरत कैक्टसों की होती है. बहुधा ये कांटों से लदे होते हैं और कभी-कभी अत्यंत खूबसूरत फूल…
उत्तरित प्रश्न
♦ आचार्य रजनीश प्रश्न- धार्मिक व्यक्ति का व्यावहारिक जीवन किस प्रकार का होता है? उत्तर- पहली बात तो यह है कि धार्मिक व्यक्ति के जीवन में व्यावहारिक और पारमार्थिक ऐसे खंड नहीं होते हैं. धार्मिक जीवन…