Category: विधाएँ

‘देवा’ – मंगेश पाडगांवकर

(मंगेश पाडगांवकर के निधन से मराठी कविता को एक नया चेहरा देने वाला समर्थ रचनाकार उठ गया है. उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत है उनकी एक कविता, जिसका हिंदी में अनुवाद स्वर्गीय अनिल कुमार ने किया था.) मैंने देखे कांच के…

‘इजाज़त मिल सकेगी क्या?’

(सीरिया के कवि नज़ार त़ौफीक कबानी को आधुनिक अरब शायरी का पितामह माना जाता है. उनकी पहली नज़्म ‘बेरूत ने मुझे बताया’ सन् 1944 में प्रकाशित हुई जब वह दमिश्क यूनिवर्सिटी में कानून के छात्र थे. दो दर्जन से अधिक…

शरणम् – नरेंद्र कोहली

धारावाहिक उपन्यास – 1 (गीता एक धर्म-ग्रंथ है और जीवन-ग्रंथ भी. जीवन के न जाने कितने रहस्यों की परतें खोलने वाला ग्रंथ बताया गया है इसे. पर गीता का कथ्य किसी उपन्यास का कथ्य भी बन सकता है, यह कल्पना…

आंध्र प्रदेश की राजकीय मछली : कोर्रा मत्ता  –   डॉ. परशुराम शुक्ल

राज-मछलियां ताज़े पानी की विलक्षण मछली सर्पशीश को अंग्रेज़ी में स्नेक हेड कहते हैं. इसका सिर बड़ा और सांप की तरह होता है, अतः इसे यह नाम दिया गया है. पुरानी दुनिया की यह मछली एशिया और अफ्रीका के बहुत…

जंगल का संगीत –  सुदर्शन वशिष्ठ

कहानी जादूगर जंगल पेड़  कुदरत का करिश्मा है. अजूबा है पहाड़ पर पेड़. ऊंचा, सीधा, समाधि में लीन योगी-सा. जो जितना ऊंचा है, उतना ही शांत है. जितना पुष्ट उतना ही अहिंसक… देखो, टेढ़ी पहाड़ी पर सीधा खड़ा रहता है,…