Category: संस्मरण

बचपन की सबसे गहरी याद

♦  देवेंद्र दीक्षित       क्रांति का पाठ      पराधीन भारत की पार्लियामेंट में लोकमत जागृत करने के प्रचंड पुरुषार्थ के परिणाम-स्वरूप सरदार भगत सिंह ने बम फेंका. उनका और उनके वीर साथियों का मुक्ति की बलिवेदी पर करुण बलिदान…

सिंधु-स्मरण

♦  इंदुलाल गांधी              किशोरावस्था की कोमल उमंग और उम्र की पहली पचीसी के आविर्भाव का वह पहला परिभ्रमण था. जिसे वेद में ‘समुद्र-नंदिनी’ कहा गया है, उस पुण्यसलिला सिंधु के किनारे-किनारे लगातार बारह महीने तक…

रजतपट पर मेरे पचीस वर्ष

♦  बलराज साहनी           फिल्मों में काम करते हुए मुझे पच्चीस वर्ष हो गये हैं. अब तक सवा सौ से ऊपर फिल्मों में काम कर चुका हूं. ऐसे मौके पर जश्न मनाना बहुत उपयुक्त और सौभाग्यपूर्ण समझा…

युवराज का मुंडन

   ♦    जयसुखलाल हाथी             सीमा-विवाद तो उन दिनों भी चलते थे, जब भारत पर अंग्रेज़ों का पूर्ण प्रभुत्व और शासन था.      बंबई के उच्च न्यायालय में एक महत्त्वपूर्ण मामला विचारधीन था, जिसमें एक छोटे…

बहुत पुराने सपने

    ♦    डॉ. मंगलदेव शास्त्री         मनुष्य के जीवन में, विशेषतः बचपन में, ऐसी घटनाएं या अनुभव प्रायः सामने आते हैं, जो आगे चलकर स्वप्न-जैसे दिखते हैं. उनका जीवन के प्रवाह में कोई स्थान नहीं दिखता. चिरकाल…