♦ ग्रिगरी गोरिन मैंने हाथ ऊंचा किया. टैक्सी थम गयी. ‘गुडमार्निंग,’ मैंने ड्राइवर से कहा- ‘माफ करना, मुझे ज्यदा दूर नहीं जाना है, यहीं सैमोटेक्नाया चौक तक… मगर मैं ज़रा जल्दी में हूं…’…
Category: लघुकथाएं
सितारा गुल!
♦ लाजार लागिन किसी जमाने की बात है- वह जमाना न मेरा था, न आपका था, न किसी और का. तब एक वैज्ञानिक था. खगोल शास्त्री. उसका नाम था अहमद. इस अहमद के बारे में…
सार्थकता
♦ वचनेश त्रिपाठी नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी. नदी तीव्र वेग से महासागर की ओर बढ़ी जा रही थी. एक कौवे ने लाश को देखा, तो प्रसन्न हो उठा, तुरंत उस…
सपने में देखा
♦ रबी आरोन लीब उस रात सपने में मैं स्वर्ग के फाटक पर खड़ा था. तभी एक धर्माचार्य आया और स्वर्ग के द्वाररक्षक फरिश्ते से बोला- ‘मुझे स्वर्ग में प्रवेश मिलना चाहिए. मैं दिन-रात धर्मग्रंथों का स्वाध्याय…
जीवन के पन्नों पर
एक पंडित थे, बड़े स्वाध्यायी. शास्त्रार्थ करने के लिए उन्होंने कई ग्रंथों से सामग्री उतार ली, और शास्त्रार्थों में उनकी धाक जम गयी. ऐसे ही एक दिन उन्हें कुछ चोरों ने मार्ग में घेर लिया. पंडितजी ने पास जितनी…