Category: कहानी

खूंटा बदल गया

बचपन गाथा ♦  सच्चिदानंद चतुर्वेदी   >   पुरु की अम्मा हर जाड़े में आटे के लड्डू बनाती थीं. उस रात भी उन्होंने लालटेन की रोशनी में, चूल्हे की आग के सामने बैठ, लड्डू बनाये थे. वे जब तक लड्डू बनाती…

बिल्ली के बच्चे

बचपन गाथा ♦   शैलेश मटियानी  >    प्रीति और बंटी स्कूल से साथ-साथ, लगभग दौड़ते घर लौट रहे थे, क्योंकि दोनों को बड़ी तेज़ भूख लगी थी. पी. टी. के घंटे के तुरंत बाद बंटी ने कहा था कि…

बहादुर

बचपन गाथा ♦   अमरकांत  >    सहसा मैं काफी गम्भीर था, जैसा कि उस व्यक्ति को हो जाना चाहिए, जिस पर एक भारी दायित्व आ गया हो. वह सामने खड़ा था और आंखों को बुरी तरह मटका रहा था. बारह-तेरह…

गुलेलबाज़ लड़का

बचपन गाथा   ♦  भीष्म साहनी  >    छठी कक्षा में पढ़ते समय मेरे तरह-तरह के सहपाठी थे. एक हरबंस नाम का लड़का था, जिसके सब काम अनूठे हुआ करते थे. उसे जब सवाल समझ में नहीं आता तो स्याही की दवात…

आदमी का बच्चा

बचपन गाथा ♦  यशपाल   >     दोपहर तक डौली कान्वेंट (अंग्रेज़ी स्कूल) में रहती है. इसके बाद उसका समय प्रायः पाया ‘बिंदी’ के साथ कटता है. मामा दोपहर में लंच के लिए साहब की प्रतीक्षा करती है. साहब जल्दी…