Category: कहानी

टकराव

गाड़ी चल दी, तो उसे अपनी गड्ड-मड्ड मनः स्थिति का फिर भान हुआ. इन कुछ दिनों में सब कुछ अस्त-व्यस्त रहा था, जैसे नमकदानी के अंदर के सब खानों की चीजें आपस में रल-मिल गयी हों. वह एक-एक करके सभी…

सात सवार

(अपने उपन्यास ‘देजर्तो देई तार्तारे’ से प्रसिद्धि पाने वाले इटालियन लेखक दिनो बुज्जाती की कृतियों में अतिसामान्य और अद्भुत का, हल्के-फुल्के हास्य और गहन वेदना का विलक्षण संगम है. उनकी सशक्त-सादी शैली में व्यग्रता और चिंता की अंतर्धारा है, जो…

चिराग तले

मैंने बहुत ज़्यादा थक कर किताबों पर से नज़रें उठायां. अपनी जलती आंखों को दोनों हाथों से धीरे-धीरे मलकर एक जोरदार जम्हाई ली. उफ! इस पढ़ाई, इस परीक्षा से कितनी थक चुकी हूं. हर वर्ष परीक्षा देते-देते थक गयी हूं,…

होना कुछ नहीं का

बोर्ड लगा है. खादी भंडार. आयताकार काउंटर, लम्बे, पीछे आलमारियों में खादी के थान. हल्के रंगों में मोटे कपड़े. कोसा, साड़ियां, खादी, रेशम और कुछ रेडिमेड कपड़े. आलमारी पर यहां-वहां धूल, बाहर कभी-कभी अंधड़-सा चल जाता है. अभी सुबह के…

कर्मनाशा की हार

शिवप्रसाद सिंह काले सांप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, किंतु जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं हो सकता. कर्मनाशा के बारे में…