Category: आलेख

आंध्र प्रदेश की राजकीय मछली : कोर्रा मत्ता  –   डॉ. परशुराम शुक्ल

राज-मछलियां ताज़े पानी की विलक्षण मछली सर्पशीश को अंग्रेज़ी में स्नेक हेड कहते हैं. इसका सिर बड़ा और सांप की तरह होता है, अतः इसे यह नाम दिया गया है. पुरानी दुनिया की यह मछली एशिया और अफ्रीका के बहुत…

आइए, एक सामूहिक सपना देखें  –  हरिवंश

दृष्टि   जब संसद में प्रवेश किया तो मेरे एक वामपंथी मित्र ने मज़ाक में एक जुमला कहा, जो आज की राजनीति पर उनकी टिप्पणी थी- मेंटेन द प्रेस्टीज ऑफ लेफ्ट. इन्जॉय द प्रिविलेज ऑफ राइट. यानी वामपंथी जिस तरह…

गालिब कविता न भी करते तो अपने पत्रों से अमर हो जाते

पत्र-साहित्य अर्श मलसियानी गालिब उर्दू और फ़ारसी के एक प्रभावशाली कवि हुए हैं. फ़ारसी की शायरी पर उन्हें बड़ा गर्व था. परंतु वह अपनी उर्दू शायरी की बदौलत बहुत मशहूर हुए. पहले-पहल फ़ारसी में पत्र लिखते थे, परंतु 1850 के लगभग…

हास्य का मनोविज्ञान

♦  जगन्नाथ प्रसाद मिश्र   > मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो हंस सकता है. अन्य प्राणी हंस नहीं सकते. हास्य द्वारा आनंद-प्रकाश की क्षमता मनुष्य के प्रति विधाता की एक बहुत बड़ी देन है. इसीसे सृष्टि के आदिकाल से…

‘तेंदुआ गुर्राता है, तुम मशाल जलाओ’

♦   अच्युतानंद मिश्र   > भारतीय तत्त्व चिंतन में भाषा, संस्कृति और धर्म को हमारी अस्मिता के अनिवार्य और अविभाज्य अंग के रूप में स्वीकार किया गया है. भाषा से संस्कृति और संस्कृति से राष्ट्र की पहचान होती है. मानव…