Category: पिछले अंक

अक्टूबर 2013

कुलपति उवाच सर्वोत्तम यज्ञ के. एम. मुनशी शब्द-यात्रा गैर को अपना बनाना आनंद गहलोत पहली सीढ़ी विहंग अरे! रवींद्रनाथ ठाकुर आवरण-कथा सम्पादकीय सूर्यास्त से पहले रोशनी की उम्मीद विजय किशोर मानव वृद्ध जीवन की उत्तरगाथा डॉ. शिवनारायण कोशिश सुहानी सांझ…

सितम्बर 2013

भाषा हमें जोड़ती भी है और बांटती भी है. जोड़ती इस माने में कि भाषा हमें अपने पड़ोसी को, अपने समाज को, बृहत्तर मनुष्यता को समझने का अवसर और माध्यम देती है और बांटती तब है जब हम भाषा के…

अगस्त 2013

गांधीजी के साये में पनपने वाले देश के नेतृत्त्व में तीन नाम बड़ी प्रमुखता से लिए जाते हैं- पहला नाम जवाहरलाल नेहरू का है, जिन्हें गांधीजी ने अपना वारिस घोषित किया था; दूसरा वल्लभभाई पटेल का है जिन्होंने स्वतंत्र भारत…

जून 2013

‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून’ कहकर रहीम ने पानी के न जाने कितने-कितने अर्थ हमारे सामने उजागर कर दिये. प्यास बुझाने से लेकर इगज्जत बचाने तक की बातें कहता यह दोहा उस पानी की भी कहानी है जो…

जुलाई 2013

साहित्य क्यों में ही साहित्य क्या है, का उत्तर छिपा है. इस उत्तर को तलाशने की आवश्यकता इसलिए है कि हम अपने रचने की आवश्यकता को समझ सकें. किसी भी रचनाकार से, विशेषकर कवियों से, जब यह पूछा जाता है…