जनवरी 2011

Jan 2011 Coverइस बार हम आपके लिए हिंदी की उन कथाओं का गुलदस्ता लेकर उपस्थित हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद के काल में हमारे कथा-साहित्य के बगीचे को महकाया है. ‘नवनीत’ का यह विशेषांक ऐसी ग्यारह कहानियों का संकलन है, जिन्होंने हमारे कथा-साहित्य को नयी दिशाएं दी हैं. इन कहानियों का चयन भी हिंदी के वरिष्ठ कथाकारों ने किया है. विशेषता यह है कि वे कुछ कथाओं को मील का पत्थर सिद्ध करने वाले अपने चयन का आधार भी बता रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ यही कहानियां हमारी पिछले पचास-साठ साल की कथा-यात्रा का मील का पत्थर हैं, यह तो सिर्फ़ एक बानगी है उन कथाओं की जो इस यात्रा में मोड़ बनने या मोड़ लाने का कारण बनी हैं.

शब्द-यात्रा

श्रीगणेश करें या बिस्मिल्लाह
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

नूतन वर्षाभिनंदन
रेणु

आवरण-कथा

मील का पत्थर
सम्पादकीय
हिंदी कहानी की आधी सदी
स्वयं प्रकाश
यथार्थ और उससे आगे भी
कमलेश्वर
कालजयी साहित्य की पहचान
रमेशचंद्र शाह
नयी पीढ़ी और समकालीन सच
विनोद तिवारी

मंतव्य

छलकते मानवीय सरोकार का कुरुक्षेत्र
गिरिराज किशोर
सच्चे मोतियों की आब है इसमें
अचला नागर
अकेला थरथराता पीला पत्ता
प्रभु जोशी
और समूचा भारतीयपन आलोकित हो गया
गंगा प्रसाद विमल
घटना की ओट में छिपी कहानी
ध्रुव शुक्ल
अपने समय की विशेष बोल्ड रचना
सुधा अरोड़ा
फैंटेसी और यथार्थ की सीमाएं धुंधलाती कहानियां
विष्णु नागर
सचमुच फ़र्क पैदा करनेवाली कहानी
रमेश उपाध्याय
व्यवस्था और मोहभंग का त्रास
ओमा शर्मा
कई कई भेद खोलता है  छप्पन तोले का करधन
मधुसूदन आनंद
अविस्मरणीय बनने की सामर्थ्य
अखिलेश

कहानी

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
फणीश्वरनाथ रेणु
मौकापरस्त
भीष्म साहनी
बीच बहस में
निर्मल वर्मा
जॉर्ज पंचम की नाक
कमलेश्वर
एक जीता-जागता व्यक्ति
रघुवीर सहाय
यही सच है
सुधा अरोड़ा
शाह आलम कैम्प की रूहें
असगर वजाहत
फ़र्क
इसराइल
अपराध
संजीव
छप्पन तोले का करधन
उदय प्रकाश
परिंदे का इंतज़ार-सा कुछ…
नीलाक्षी सिंह

आवरण-चित्र

चरन शर्मा