अप्रैल 2010

April 2010 Cover

हम कई-कई मानसिकताओं को लेकर कई-कई सदियों में एक साथ जी रहे हैं. यह बात अच्छी नहीं है, सही भी नहीं है. लेकिन इससे कहीं बुरी और गलत बात यह है कि गलत मानसिकता और पिछली सदियों की सोच से उबरने की कोई ललक हमारे भीतर नहीं पैदा होती. बदलाव तो समय के प्रवाह के साथ भी आते हैं, लेकिन सार्थक बदलाव वह होता है जिसके लिए सोच-समझकर कोशिश की जाए. इसके लिए बदलाव की ज़रूरत को महसूसना ज़रूरी है.

सामाजिक समता का सपना यदि हमें पूरा करना है तो किसी संविधान अथवा सरकारी प्रयासों या कार्रवाइयों से यह सम्भव नहीं है. सामाजिक समता और सामाजिक समरसता समाज के, अर्थात मेरे और आपके प्रयासों से ही सम्भव है. सरकार या कानूनी व्यवस्था उन कथित ऊंची जाति वालों को सज़ा तो दे सकती है, जिन्होंने एक दलित की बारात नहीं निकलने दी, लेकिन ऐसी किसी बारात का निकलना गलत न लगे, यह तो तभी सम्भव है जब हमारी मानसिकता से यह भ्रम निकलेगा कि मैं सवर्ण हूं, इसलिए मैं ऊंचा हूं, वह दलित है, इसलिए नीचा है.

 

 शब्द-यात्रा

जल-थल
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

नवक्रांति
कैलाश वाजपेयी

आवरण-कथा

बीमार मानसिकता से उबरने के लिए
सम्पादकीय
दलितों का दुख
नंद चतुर्वेदी
आज अपने पांव कीचड़ में सने हैं
हूबनाथ
प्रतीकवाद की गिरफ्त में है  दलित राजनीति
रामशरण जोशी
हमने सिर्फ़ मनुष्य और अपने समय को स्वीकारा है
बाबूराव बागुल
गांधी ने उन्हें असली महात्मा कहा था
सदा कर्हाडे

मेरी पहली कहानी

रुकावट
मृदुला गर्ग

आलेख

भारतीय बुद्धिजीवी की भूमिका
निर्मल वर्मा
मुळेजी को याद करते हुए
नारायण दत्त
प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुकूलता के उपाय
राजेंद्र शंकर भट्ट
दादरा नगर हवेली का राज्य पक्षीः काले पुट्ठोंवाला कठफोड़वा
डॉ. परशुराम शुक्ल
मृत्यु की आशंका के क्षणों में
डॉ. बनारसीदास चतुरवैदी
भारत में जातिप्रथा
डॉ. भीमराव आम्बेडकर
मेरा हीरा हेराइगा कचरे मा
डॉ. दुर्गादत्त पाण्डेय
पोथी का सुख
शिवरतन थानवी
पुरखों से संवाद
अनुपम मिश्र
किताबें

व्यंग्य

मिर्ज़ा गालिब की दुर्बलता
युसुफ नाजिम
जीते-जी मूर्ति लगवाने के फ़ायदे
अनूपमणि त्रिपाठी

उपन्यास अंश

अनुकथा (अंतिम भाग)
सुधा

कहानी

रेशमी रिश्ते
भगवान वैद्य ‘प्रखर’
सुसाइड नोट
विभांशु दिव्याल
इस्तीफ़ा
दिनेश थपलियाल

कविताएं

मैंने तुम्हें देखा नहीं
विंदा करंदीकर
तीन कविताएं
नारायण सुर्वे
मित्र
रमाकांत रथ

समाचार

संस्कृति-समाचार
भवन-समाचार