संस्कृति-समाचार

‘कविता ही आदमी को बचायेगी’ और ‘अंतर्यात्रा’ का लोकार्पण

मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य, सम्मेलन के तत्त्वावधान में समकालीन कवि राग तेलंग की दो काव्यकृतियों ‘कविता ही आदमी को बचायेगी’ और ‘अंतर्यात्रा’ का लोकार्पण साहित्यकार श्री संतोष चौबे की अध्यक्षता, वरिष्ठ कवि श्री राजेश जोशी, वरिष्ठ साहित्यकार श्री धुव शुक्ल और युवा कवि श्री आनंद कृष्ण के संचालन में सम्पन्न हुआ. इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष श्री पलाश सुरजन तथा श्री अरुण कुमार, उपमहाप्रबंधक, बीएसएनएल विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम में श्री मुकेश वर्मा, श्री बलराम गुमास्ता, श्री मनोज, कुलकर्णी, श्री घनश्याम तिवारी ने सहभाग तथा श्री डी. आर प्रजापति ने अतिथियों का स्वागत किया.

 जीवन का उद्देश्य सुख-शांति और संतोष

‘जीवन में सुख शांति एवं संतोष प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को ज्ञानी होना आवश्यक है. इसलिए सुखी रहने के लिए लगातार ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए.’ ये विचार वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. सर क्लिफ सलदानहा ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किये. अध्यक्षता कुलपति डॉ. सच्चिदानंद जेशी ने की. इस अवसर पर एम्स रायपुर चिकित्सक डॉ. अंजली पाल, करुणा शर्मा, सप्रे शोध पीठ के अध्यक्ष श्री परितोष चक्रवर्ती, डॉ. शाहिद अली, श्री पंकज नयन पाण्डे, डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी, नृपेंद्र शर्मा, राजेंद्र मोहंती, आशुतोष मंडावी, संजय शर्मा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे. संचालन श्री अभिषेक दुबे और आभार कुलसचिव डॉ. संदीप वानसूत्रे ने व्यक्त किया. 

सुकीर्ति भटनागर को प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान

गांधी पुस्तकालय द्वारा चतुर्थ ‘प्रभा स्मृति बाल साहित्य सम्मान’ इस बार पटियाला, पंजाब  की बाल साहित्यकार सुकीर्ति भटनागर को प्रदान किया गया.

इस अवसर पर बाल पत्रिका बाल प्रभा के नये अंक का विमोचन भी सम्पन्न हुआ. इस मौके पर सुकीर्ति भटनागर के उपन्यास ‘अमरो’ और नागेश पांडेय ‘संजय’ की पुस्तक ‘जो बूझे वह चतुर सुजान’ का भी विमोचन अतिथियों ने किया. 

मंजुल भारद्वाज का नाटक ‘ड्राप बाय ड्रापः वाटर’

सुप्रसिद्ध रंगकर्मी मंजुल भारद्वाज द्वारा लिखित, निर्देशित नाटक ‘ड्राप बाय ड्राप ः वाटर’ यूरोप में 25 बार मंचित हुआ. 65 दिन तक एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउंडेशन ने इस नाटक को जर्मनी, सिल्वेनिया और आस्ट्रिया के विभिन्न शहरों में प्रस्तुत किया. बुरो फॉर कुल्तुर उन्द मीदिएन्न प्रोजेक्कते ने एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउंडेशन को यह नाटक को बाल नाट्य समारोह में मंचित करने के लिए आमंत्रित किया था. नाटक पानी के निजीकरण का विरोध करता है और सभी सरकारों को जनमानस की इस भावना से कि ‘पानी हमारा नैसर्गिक और जन्मसिद्ध अधिकार है’ से रूबरू कराता है. इस नाटक को अपने अभिनय से सजीव और रोचक बनाया है सात कलाकारों के समूह ने. ये कर्मठ कलाकार हैं अश्विनी नांदेडकर, किरण पाल, प्रियंका रावत, काजल देओबंसी, प्रियंका वाव्हल, सायली पावसकर और मल्हार पानसरे. 

संदीप सृजन को कादम्बरी पत्रकारिता सम्मान

साहित्यिक पत्रिका ‘शब्द प्रवाह’ के श्रेष्ठतम सम्पादन के लिए संदीप सृजन को जबलपुर की साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था कादम्बरी द्वारा भव्य समारोह में स्व. विश्वम्भरदयाल अग्रवाल पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया. वैदिक प्रचार मंच, देहरादून के अध्यक्ष डॉ. आनंद सुमन सिंह, आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर के कुलपति डॉ. डी.पी. लोकवाणी, कादंबरी के सचिव आचार्य भगवत दुबे एवं अध्यक्ष डॉ. गर्गीशरण मिश्र मराल ने यह पुरस्कार प्रदान किया. संचालन राजेश पाठक प्रवीण ने और आभार राजकुमार सौमित्र ने माना.

 

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