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अमिय-रस – नवनीत हिंदी http://www.navneethindi.com समय... साहित्य... संस्कृति... Wed, 25 Feb 2015 10:30:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 http://www.navneethindi.com/wp-content/uploads/2022/05/cropped-navneet-logo1-32x32.png अमिय-रस – नवनीत हिंदी http://www.navneethindi.com 32 32 जून 2008 http://www.navneethindi.com/?p=1409 http://www.navneethindi.com/?p=1409#respond Wed, 25 Feb 2015 07:35:25 +0000 http://www.navneethindi.com/?p=1409 Read more →

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June Cover-08 (front-back Positive)

शब्द-यात्रा

क्या खीर पक रही है ?
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी 

अमिय-रस

आवरण-कथा

पानी बिच मीन पियासी
नंद चतुर्वेदी
ऐसे चलता था समाज का खेल
अनुपम मिश्र
देश की जल-कुंडली
पानी बचाय के ना रखब्या, तब ना हम लेबै सराध में पानी…
सत्यदेव त्रिपाठी
पानी डरा रहा है
प्रेम जनमेजय
पानी की समस्या
शरद जोशी
एक घूंट पानी
विद्यानिवास मिश्र

मेरी पहली कहानी

याचना ठिठक गयी
मालती जोशी

आलेख

हर संक्रांतिकाल में ‘गीता’ ने राह दिखायी है
प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद
भारत की संस्कृति-सभ्यता की कथा का नाम है – गंगा
हरिकृष्ण देवसरे
असम का राज्य पक्षी – देवहंस
डॉ. परशुराम शुक्ल
क्या कृष्ण का ‘अश्वत्थ’ अफ्रीकी बाओबाब था?
डॉ. किशोर पंवार
विज्ञान व आत्मज्ञान में अभेद
विनोबा
केवल दस आसान कदम उठाइये और बनिये ‘पर्यावरण मित्र’
‘गीतांजलि’ का जर्मन अनुवाद करते समय मैं अकेला लहू-लुहान हो रहा था
मार्टिन कैम्पशन
किताबें

व्यंग्य

इटरोगेशन
विश्वजीत बनर्जी

धारावाहिक-उपन्यास (भाग-1)

महात्मा विभीषण
सुधीर निगम 

कहानियां

रोटेशन
दिलीप कुमार
सबको उपलब्ध होना (लघुकथा)
दादी अम्मां, पानी
कृश्न चंदर
दोनों बराबर (लघुकथा)
जी.एल. पुरोहित

कविताएं

जलते तवे पर
निदा फ़ाज़ली
पारदर्शी जल बुलाता है तुम्हें
यश मालवीय
शोर को कलरव बनाओ
डॉ. कुंअर बेचैन
गज़ल
राजेश रेड्डी
नदी
वीरेंद्र मिश्र
घनघोर निरर्थकता के इस दौर में
शम्भु गुप्त

समाचार

संस्कृति – समाचार
भवन के समाचार

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