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अचला नागर – नवनीत हिंदी http://www.navneethindi.com समय... साहित्य... संस्कृति... Wed, 25 Feb 2015 10:31:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 http://www.navneethindi.com/wp-content/uploads/2022/05/cropped-navneet-logo1-32x32.png अचला नागर – नवनीत हिंदी http://www.navneethindi.com 32 32 मई 2008 http://www.navneethindi.com/?p=1401 http://www.navneethindi.com/?p=1401#respond Wed, 25 Feb 2015 06:53:02 +0000 http://www.navneethindi.com/?p=1401 Read more →

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May Cover-08 (front-back Positive)

शब्द-यात्रा

तपिश दिल की बुझा लेना
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी 

चल अकेला रे…
रवींद्रनाथ ठाकुर

आवरण-कथा

आगे बढ़ना है तो चलना ही पड़ेगा
डॉ. कन्हैयालाल नंदन
सभ्यता में पहिया
अनूप सेठी
साइकिल-चिंतन
विजय कुमार
तब जीवन का छंद कविता बनता है
नारायण दत्त

मेरी पहली कहानी

अपना घर
अचला नागर

आलेख

अर्द्ध-पर्व का पूर्ण सत्य
हिमांशु जोशी
चले आते हैं, जाने कहां-कहां से
डॉ. देवव्रत जोशी
कालीन बनवाने से अच्छा है जूते ही खरीद लें
सीताराम गुप्त
तारकशी का तराना
जय कुमार पाठक
सिक्किम का राज्य पक्षी –  चिलमे
डॉ. परशुराम शुक्ल
एक बच्चे की आखिरी ख्वाहिश
शकील अहमद
स्वर्ग से सुंदर है घर
ओमप्रकाश पोरवाल
मूवी कैमरा मेरी तीसरी आंख था
राधू करमाकर
क्योंकि वह मां है
लाजपतराय सभरवाल
अपने प्रयोजन से भटकी हुई शिक्षा
नंदकिशोर आचार्य
अदम्य संघर्ष की अनूठी दास्तान
डॉ. मंगला अनुजा
किताबें
अंतर्कथा एक आरती की
राधारमण त्रिपाठी
संजीवनी का सच क्या है?
डॉ. ओ.पी. जोशी व डॉ. जयश्री सिक्का

व्यंग्य

सबसे बड़ी खबर
राधेश्याम

धर्म

आपने आध्यात्मिक परिवार बनाया है?
आचार्य महाप्रज्ञ
भीजै दास कबीर
रामविलास जांगिड़
विनाश का आह्वान
देवेश सिंगी

यात्रा-कथा

कृतज्ञ हूं, यमुनोत्तरी का दरस-परस हुआ
कृष्णनाथ

अनुभूति

दुनिया आज भी सुंदर है…जीने योग्य!
मन्नू भंडारी

कहानियां

और कितनी दूर
शीला इंद्र
राजा का प्रश्न (लघुकथा)
ज़हीर कुरेशी
नन्ही बुलबुल
कमलेश बख्शी
आनंद (लघुकथा)
कमला प्रसाद चौरसिया
मातमपुरसी
अभिमन्यु अनत
अपराधी (लघुकथा)
सतीश उपाध्याय
ईश्वरनीति (लघुकथा)
ज्ञानदेव मुकेश
ज्ञान क्या है ?(बोधकथा)
नीरज भारद्वाज

कविताएं

देखना, एक दिन
शम्भु गुप्त
शब्द
वेद राही
कुछ दोहे ग्रीष्म के
इसाक ‘अश्क’
पारदर्शियों वाले दिन
नईम
चिड़िया
रामकुमार आत्रेय

समाचार

संस्कृति – समाचार
भवन के समाचार

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जनवरी 2011 http://www.navneethindi.com/?p=863 Fri, 26 Sep 2014 05:40:34 +0000 http://www.navneethindi.com/?p=863 Read more →

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Jan 2011 Coverइस बार हम आपके लिए हिंदी की उन कथाओं का गुलदस्ता लेकर उपस्थित हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद के काल में हमारे कथा-साहित्य के बगीचे को महकाया है. ‘नवनीत’ का यह विशेषांक ऐसी ग्यारह कहानियों का संकलन है, जिन्होंने हमारे कथा-साहित्य को नयी दिशाएं दी हैं. इन कहानियों का चयन भी हिंदी के वरिष्ठ कथाकारों ने किया है. विशेषता यह है कि वे कुछ कथाओं को मील का पत्थर सिद्ध करने वाले अपने चयन का आधार भी बता रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ यही कहानियां हमारी पिछले पचास-साठ साल की कथा-यात्रा का मील का पत्थर हैं, यह तो सिर्फ़ एक बानगी है उन कथाओं की जो इस यात्रा में मोड़ बनने या मोड़ लाने का कारण बनी हैं.

शब्द-यात्रा

श्रीगणेश करें या बिस्मिल्लाह
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

नूतन वर्षाभिनंदन
रेणु

आवरण-कथा

मील का पत्थर
सम्पादकीय
हिंदी कहानी की आधी सदी
स्वयं प्रकाश
यथार्थ और उससे आगे भी
कमलेश्वर
कालजयी साहित्य की पहचान
रमेशचंद्र शाह
नयी पीढ़ी और समकालीन सच
विनोद तिवारी

मंतव्य

छलकते मानवीय सरोकार का कुरुक्षेत्र
गिरिराज किशोर
सच्चे मोतियों की आब है इसमें
अचला नागर
अकेला थरथराता पीला पत्ता
प्रभु जोशी
और समूचा भारतीयपन आलोकित हो गया
गंगा प्रसाद विमल
घटना की ओट में छिपी कहानी
ध्रुव शुक्ल
अपने समय की विशेष बोल्ड रचना
सुधा अरोड़ा
फैंटेसी और यथार्थ की सीमाएं धुंधलाती कहानियां
विष्णु नागर
सचमुच फ़र्क पैदा करनेवाली कहानी
रमेश उपाध्याय
व्यवस्था और मोहभंग का त्रास
ओमा शर्मा
कई कई भेद खोलता है  छप्पन तोले का करधन
मधुसूदन आनंद
अविस्मरणीय बनने की सामर्थ्य
अखिलेश

कहानी

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
फणीश्वरनाथ रेणु
मौकापरस्त
भीष्म साहनी
बीच बहस में
निर्मल वर्मा
जॉर्ज पंचम की नाक
कमलेश्वर
एक जीता-जागता व्यक्ति
रघुवीर सहाय
यही सच है
सुधा अरोड़ा
शाह आलम कैम्प की रूहें
असगर वजाहत
फ़र्क
इसराइल
अपराध
संजीव
छप्पन तोले का करधन
उदय प्रकाश
परिंदे का इंतज़ार-सा कुछ…
नीलाक्षी सिंह

आवरण-चित्र

चरन शर्मा

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