जुस्तजू
प्रमोद शाह नफ़ीस
शैली पब्लिकेशन्स,प्रथम तल, चांदनी चौक स्ट्रीट, कोलकाता-72 मूल्य-100
19 नज्मों और 19 ग़ज़लों के इस संग्रह में अपने भीतर उठ रहे अपने वजूद और दुनिया के तमाम क्रिया-व्यापारों से जुड़े प्रश्नों का हल तलाशने की कोशिश है. अतीत की शिनाख्त और प्रकृति और मानवीय सौंदर्य पर बयान भी है. रिश्तों की गरमाहट से उठे घन कहीं फुहारें छोड़कर चले जाते हैं तो कहीं मूसलाधार बरस पड़ते हैं. तनहाई के आलम में अपना ठिकाना ढूंढ़ती इन गजलों को सुहृदय पाठक सराहेंगे.
गुरुदेव तुलसी
समणी कुसुमप्रज्ञा
जैन विश्व भारती,लाडनूं, 341306 (राजस्थान)
मूल्य-80
`समणी कुसुमप्रज्ञासाधना के शलाकापुरुष गुरुदेव तुलसी आचार्य की साधना और क्षमताओं का जीवंत इतिहास इस पुस्तक में संचित है. लेखक ने अपनी प्रतिभा और क्षमता से उनके जीवन को एक सूत्र में पिरोने और उसकी विशद विवेचना करने की कोशिश की है. 347 पृष्ठों की इस पुस्तक में आचार्य के जीवन के, उनकी साधना के विभिन्न चरणों और साधना के गूढ़ रहस्यों को सरलता से उद्घाटित किया गया है. अध्यात्म के अनुरागी साधकों के लिए पुस्तक में बहुत कुछ है.
तकनीकी शिक्षा के माल
हरि जोशी
1661 दखनीराय स्ट्रीट,
नयी दिल्ली- 02 मूल्य- 200
यह पुस्तक व्यंग्य उपन्यास है. इंजीनियरिंग कॉलेज, उनमें प्रवेश पाने के हथकंडे, उनके परिवेश, शिक्षा का स्वरूप, शिक्षकों की स्थिति का बड़ा रोचक वर्णन किया गया है. व्यंग्यकार ने वर्तमान तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भीतर तक पैठ बना चुकी विषमताओं को उद्घाटित करने का प्रयास किया है. उपन्यास में कलकत्ता में नौकरी करनेवाले युवक की कहानी है जो हजार किलोमीटर दूर स्थित गोपालनगर के इंजीनियरिंग कॉलेज का नियमित छात्र है.
त्री शक्ति विमर्श
चंद्रशेखर धर्माधिकारी
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, राजघाट, वाराणसी 221 001
मूल्य-25 `
त्री से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लिखे लेखों एवं व्याख्यानों को इस पुस्तक में संकलित किया गया है. त्री-विषयक कानून के आधार, मातृत्व की महत्ता, महिलाओं के सशक्तीकरण एवं सम्मान से सम्बंधित आलेखों से इन मुद्दों पर महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं. अपने व्यक्तिगत अनुभवों को लेकर विमलाताई, राधाकृष्ण और राधाबहन से जुड़ी कई यादें उन्होंने यहां पाठकों तक पहुंचाई हैं. त्री-विमर्श से जुड़े शोधार्थियों एवं नारियों के लिए पुस्तक उपयोगी है.
फैले खुले दो हाथ
ओम प्रभाकर
ओटला प्रकाशन, 12-13, मार्तंड बाग, तारानी कॉलोनी, देवास- 55001(म.प्र.)
मूल्य- 120 `
इन गीतों में अनुभवों की थरथराहट और समय की गुनगुनाहटों का संगीत एक साथ सुना जा सकता है. ये गीत अनुभव कराते हैं कि समय वह हिमखंड है जो हमारे पुरुषत्व की ऊष्मा से पिघलेगा. गम्भीर चिंतनपरक इन गीतों में कवि अपने समय के प्रश्नों के साथ ही क्षरित होती संवेदनाओं को भी पूरी शिद्दत से उकेरता है. इन गीतों में कहीं प्रकृति तो कहीं मानवीय संबंधों को आधार बनाकर अपनी बात कहने की कोशिश हुई है.
संस्कार, संस्कृति और समाज
कैलाशचंद्र पंत
पहले पहल प्रकाशन, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल – 462011
मूल्य- 250 `
व्यक्ति के जीवन में संस्कारों को सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण प्रतिपादित करती इस पुस्तक में लेखक सामाजिक आचरण में विकृति का मूल कारण भी संस्कारों में ही पाता है. लेखक ने स्वदेशी भावना, विकृत इतिहास के दुष्प्रभाव, कुशिक्षा, विश्व हिंदी सम्मेलन, धर्म की भ्रामक धारणा के साथ ही संस्कारों के रोपण की भारतीय शैली पर भी चर्चा की है. संस्कृति और समाज के संबंधों को जानने-समझने के इच्छुक पाठकों को पुस्तक पसंद आयेगी.
कुछ और किताबें
शब्द सागर (काव्य संकलन)
सं.- कमलेश व्यास ‘कमल’
शब्द प्रवाह साहित्य मंच, ए/99, व्ही.डी. मार्केट,
उज्जैन (म.प्र.) 456 006 मूल्य- 400 `
समाधान (धर्म सूक्तियां-भजन)
श्रीमती शांतीदेवी विश्वनाथ टेकड़ीवाल फाउन्डेशन –
श्री जनकल्याण टस्ट
शांति निकेतन, 5, समता नगर, कांदिवली (पूर्व),
मुंबई 400 101
नयन नीर (प्रेरक प्रसंग)
कोमल वाधवानी ‘प्रेरणा’
शब्द प्रवाह साहित्य मंच, ए/99, व्ही.डी. मार्केट,
उज्जैन (म.प्र.) 456 006 मूल्य- 195 `
राजस्थान की लघुकथाएं
डॉ. अनिल शूर आज़ाद
नवशीला प्रकाशन, ए-75, श्रीराम कालोनी, निलोठी एक्स., नांगलोई, नयी दिल्ली- 110041 मूल्य- 200 `
रेत समंदर बहा गया (गजल संग्रह)
यशवंत दीक्षित
शब्द प्रवाह साहित्य मंच, ए/99, व्ही.डी. मार्केट,
उज्जैन (म.प्र.) 456 006 मूल्य- 195 `
दोहों की बारहखड़ी (दोहा संग्रह)
महेंद्र श्रीवास्तव
शब्द प्रवाह साहित्य मंच, ए/99, व्ही.डी. मार्केट,
उज्जैन (म.प्र.) 456 006 मूल्य-150 `