सितम्बर 2017

कुलपति उवाच 

03   दरारें जोड़ने के लिए

     के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04   स्वास्थ्य के लिए हंसिए

     सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11   क्योंकि

     धर्मवीर भारती

आवरण-कथा

12   संकल्प शक्ति की मौलिक कल्पना का

     सम्पादकीय

14   शक्ति की मौलिक कल्पना

     हरिवंश

21   विजय का सूत्र है  शक्ति के बिखरे विद्युत कणों का समन्वय 

     विजय किशोर मानव

26   शक्ति ही सौंदर्य है

     विजय बहादुर सिंह

29   दानव नहीं, महादानव से सामना है

     कैलाशचंद्र पंत

34   शक्ति की भूमिका और आह्वान

     सुधा अरोड़ा 

39   शक्ति के विस्मृत सूक्तों की तलाश में…

     सूर्यबाला

व्यंग्य

88   राजा का चिंतन

     शशिकांत सिंह `शशि’

नोबेल कथा

46   पेड़ों की मंथर पदयात्रा

     टोनी मॉरीसन

धारावाहिक उपन्यास (भाग- 5)

97   मैं जोहिला

     प्रतिभू बनर्जी

शब्द-सम्पदा

136  पक्षी-संसार (भाग-1)

     विद्यानिवास मिश्र

आलेख 

57   हमने निराला को देखा था…

     अजित कुमार

65   आसक्ति और अनासक्ति

     होमी दस्तूर

69   `हां गाये जाएंगे गीत अंधेरे वक्त में भी’

     शंख घोष

75   भाषा तो पुल है

     डॉ. दामोदर खड़से

81   भारत-चीन के बीच एक सांस्कृतिक पुल

     प्रकाश भातम्ब्रेकर

84   खत्म हो जाएंगी 2500 भाषाएं!

     संध्या रायचौधरी

92   सृजन ही आनंद है 

     डॉ. दुर्गादत्त पाण्डेय

115  देवभात

     मारुति चितमपल्ली

119  बागी सिपाहियों की आज़ाद सरकार

     प्रकाश चंद्रायन

131  मिट्टी की मूर्ति मिट्टी

     संतन कुमार पांडेय

134  अक्षर का आमंत्रण

     रमेश थानवी

138  किताबें

कथा

72   मां-बेटियां

     मनमोहन बावा

125  एक से संतुष्ट हूं

     कमलेश बख्शी

कविताएं

42   राम की शक्तिपूजा

     सूर्यकांत त्रिपाठी `निराला’

71   पिता के जाने पर

     अनुकृति शर्मा

96   सितारा झांकता है

     यश मालवीय

109  दो कविताएं

     रामकुमार आत्रेय

समाचार

140  भवन समाचार

144  संस्कृति समाचार

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