सितम्बर 2013

भाषा हमें जोड़ती भी है और बांटती भी है. जोड़ती इस माने में कि भाषा हमें अपने पड़ोसी को, अपने समाज को, बृहत्तर मनुष्यता को समझने का अवसर और माध्यम देती है और बांटती तब है जब हम भाषा के आधार पर अपने-पराये का भेद करने लगते हैं. हिंदी भाषी, गुजराती भाषी, तमिल भाषी, बांग्ला भाषी, उड़िया भाषी… इन सबको अलग-अलग समझकर या मानकर हम उस बृहत्तर समाज के टुकड़े ही करते हैं जो एक राष्ट्र के रूप में हमारी पहचान है. भाषा के आधार पर यह बंटवारा हमें हर दृष्टि से कमज़ोर बनाता है. लेकिन देश की इन्हीं भाषाओं को जब हम इस दृष्टि से देखें कि ये सारी भाषाएं हमारी हैं, यह सब मिलकर ही हमारी पहचान को पूर्णता देती हैं और यह भाषाई वैविध्य कुल मिलाकर हमारी सांस्कृतिक समृद्धता को ही उजागर करता है, तो हम उस भारतीयता को उजागर कर रहे होते हैं जो आसेतु-हिमालय हमारे होने को सार्थक बनाती है.

 

कुलपति उवाच

आत्मसिद्धि की खोज
के. एम. मुनशी

शब्द-यात्रा

गैर को अपना बनाना (भाग-1)
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी

वरना
ह्यूगो वान हाफ्मान्स्थल

आवरण-कथा

सम्पादकीय
हिंदी भारतीयता की अभिव्यक्ति बने
कैलाशचंद्र पंत
हिंदी भारतीयता की भाषा है
डॉ. अमरनाथ
भारतीयता के उत्तराधिकार के सांस्कृतिक संदर्भ
अच्युतानंद मिश्र
भाषा हमें अपने से मिलाती है
कनक तिवारी
गांधीजी की राष्ट्रभाषा दृष्टि
विजय बहादुर सिंह
मराठी भाषी उद्भट विद्वानों का हिंदी प्रेम
पुष्पा भारती
गुलामी की भाषा में जकड़े दिमाग
नरेश सक्सेना
नगालैंड में हिंदी नगर है!
कुसुम त्रिपाठी
51780 भाषाएं बोलता है भारत
जातीय संस्कृति की संवाहक
डॉ. दामोदर खड़से

मेरी पहली कहानी

पंजा
एस. आर. हरनोट

महाभारत जारी है

धर्म-कुधर्म
प्रभाकर श्रोत्रिय

धारावाहिक आत्मकथा

आधे रास्ते (आठवीं किस्त)
कनैयालाल माणिकलाल मुनशी

व्यंग्य

मैं हिंदी की सेवा नहीं करता
यज्ञ शर्मा

आलेख

‘साम्राज्यवाद का रक्त-कलश’
रामविलास शर्मा
जब निराला गांधीजी से मिले…
मिजोरम का राज्यवृक्ष नागकेशर
डॉ. परशुराम शुक्ल
यादगिरी गुट्टा और भोंगीर का किला
रमेशचंद्र शाह
‘राही मासूम रजा को अक्लमंद बनना मंजूर नहीं था’
धर्म, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है
सुरेंद्रलाल जी. मेहता
प्रो. जिन-दिड़-हान के साथ कुछ क्षण
हिमांशु जोशी
विदेश में छपी हिंदी की पहली पुस्तक
प्रो. मीरा सरीन

कहानी

कटघरे में रिश्ते
मालती जोशी
पानी का बाप
संतोष झांझी

कविता

भाषा की मधुराई
भारतेंदु हरिश्चद्र
चाह   
डॉ. मृदुल जोशी

समाचार

भवन समाचार
संस्कृति समाचार 

आवरण-चित्र

चरन शर्मा