नई दिल्ली : हिन्दी भवन के संस्थापक पंडित गोपालप्रसाद व्यास के जन्मषती समारोह वर्श के उपलक्ष्य में उनकी काव्य-कृति रास-रसामृत से प्रेरित नृत्य-नाटिका ‘महारासएवंमनोहारीमयूरनृत्यतथाफूलोंकीहोली’ का आयोजन गत दिवस हिन्दी भवन सभागार में स्वास्तिक रंगमण्डल, मथुरा के कलाकारों द्वारा अंतर्राश्ट्रीय ख्याति प्राप्त श्रीमती वन्दना सिंह के निर्देषन में किया गया।
इस कार्यक्रम में जहां एक ओर मयूर नृत्य ने दर्षकों को मोहित कर दिया वहीं दूसरी ओर फूलों की होली के माध्यम से दर्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का संदेष भी दिया गया। श्री मोहनस्वरूप भाटिया (पूर्व उपाध्यक्ष, उत्तरप्रदेष हिन्दी संगीत नाटक अकादमी) के संयोजन में देर रात तक चले इस कार्यक्रम का श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया।
राजधानी के लेखकों, पत्रकारों एवं राज-समाजसेवियों से खचाखच भरे हिन्दी भवन सभागार में उपस्थित जनों में प्रमुख हैं सर्वश्री निर्मला जैन, रामनिवास जाजू, षेरजंग गर्ग, प्रदीप पंत, रमा पाण्डेय, प्रेम जनमेजय, उशा पुरी, रत्ना कौषिक, महेषचन्द्र षर्मा, हरीषंकर बर्मन, संतोश माटा, निधि गुप्ता, रवीन्द्र नागर, महिमानंद द्विवेदी, किषोरकुमार कौषल, महेन्द्र षर्मा, रघुनंदन षर्मा ‘तुशार’, सुषीलकुमार गोयल, आषीश कंधवे, निषा भार्गव, भारत भारद्वाज, भरत तिवारी, सुषील बिन्दल, षीला झुनझुनवाला, कमला सिंघवी, पवन चौधरी मनमौजी, वीरेन्द्र प्रभाकर तथा गिरीष भालवर आदि। अंत में हिन्दी भवन के मंत्री एवं वरिश्ठ व्यंग्य कवि डॉ0 गोविन्द व्यास ने सभी को होली की षुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रस्तुतिः मधुकांत वत्स