जून 2017

कुलपति उवाच 

03     सत्व, रजस और तमस

       के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04     योग

       सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11     प्रदूषण

       गोविंदचंद्र पाण्डे

आवरण-कथा

12     तितली को कब देखा था आखिरी बार?

       सम्पादकीय

15     आइए, प्रकृति से दोस्ती करें

       सुरेश ऋतुपर्ण 

21     प्रकृति के घर में आदमी 

       ध्रुव शुक्ल

25     पंख, पंखुड़ियां, तितलियां, वृक्ष… 

       प्रयाग शुक्ल 

29     प्रकृति के भावी आतंक की चुनौती

       डॉ. नताशा अरोड़ा

35     पृथ्वी गरम हो रही है

       राजकुमार कुम्भज

40     हे धरती मां!

       राजीव कटारा

नोबेल कथा

51     एक भावी पिता

       सॉल बैलो

धारावाहिक उपन्यास – 2

100   मैं जोहिला

       प्रतिभू बनर्जी

व्यंग्य

112   एक सांझ मरघट के नाम!

       महेश चंद्र शर्मा

शब्द-सम्पदा

136   `आना जी बादल ज़रूर

       विद्यानिवास मिश्र

आलेख 

41     कुछ लाख रसोइये चाहिए

       सोपान जोशी

63     बाज बटेर एक लड़ाऊं!

       कुबेरनाथ राय

71     संगीत के माध्यम से परम तत्व से जुड़ने वाली प्रखर तपस्विनी

       होमी दस्तूर

77     टेसू (पलाश)

       मारुति चितमपल्ली

89     कला पश्मीने की …खुद को तपाना पड़ता है’

       निर्मला डोसी

95     शिक्षा व्यवस्था की चिंताजनक सच्चाई

       डॉ. माधव चव्हाण

109   मेघदूत `नाचत मोरा

       संतन कुमार पांडेय

123   फूलों ने सृष्टि बदली

       लारेन इजली

138   किताबें

कथा

83     शोर

       इंतिज़ार हुसैन

127   वृक्ष प्रतीक्षा में है…

       देवेंद्रकुमार मिश्रा

134   भयावह जंगल

       प्रभाकर श्रोत्रिय

कविताएं

28     चंद्रभागा में सूर्योदय

       प्रयाग शुक्ल 

70     तीन कविताएं

       वेद राही

82     उठ मेरी बेटी….

       सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

117   फूल झरे

       बुद्धिनाथ मिश्र

समाचार

140   भवन समाचार

144   संस्कृति समाचार

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